धर्म/ हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. माता पार्वती ने शंकर भगवान को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. मान्यता है कि माता पार्वती के इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और इस दिन पार्वती जी की अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया.
हरतालिका तीज पर मिलता है अखंड सौभाग्य का वरदान
हरतालिका तीज भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन का विशेष महत्व है. हरतालिका तीज को कई जगहों पर तीजा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. ये व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है. हरतालिका तीज हरियाली और कजरी तीज के बाद मनाई जाती है. इस बार हरतालिका तीज 21 अगस्त को मनाई जाएगी.
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
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प्रातःकाल मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 53 मिनट से सुबह 8 बजकर 29 मिनट तक
अवधि: 2 घंटे 36 मिनट
हरतालिका तीज पूजा मुहूर्त- शाम 6 बजकर 54 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक
हरतालिका तीज व्रत के नियम
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- हरतालिका तीज व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है. अगले दिन सुबह पूजा के बाद जल पीकर व्रत खोलने का विधान है.
- हरतालिका तीज व्रत एक बार शुरू करने पर फिर इसे छोड़ा नहीं जाता है. हर साल इस व्रत को पूरे विधि-विधान से करना चाहिए.
- हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है. रात भर जागकर भजन-कीर्तन करना चाहिए.
हरतालिका तीज व्रत पूजा विधि
- हरतालिका तीज की पूजा सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में की जाती है.
- इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की बालू रेत और काली मिट्टी की प्रतिमा हाथों से बनाई जाती है.
- पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखकर उस पर केले के पत्ते बिछाएं और भगवान शंकर, माता पार्वती और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें.
- इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश का षोडशोपचार पूजन करें.
- इस व्रत की मुख्य परंपरा माता पार्वती को सुहाग की सारी वस्तुएं चढ़ाना है.
- हरतालिका तीज की पूजा में शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है. बाद में यह सामग्री किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए.
- तीज की कथा सुनें और रात्रि जागरण करें. आरती के बाद सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं और हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें.
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वैवाहिक जीवन को सुखद बनाने के लिए हरितालिका तीज पर कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं. ज्योतिर्विद करिश्मा कौशिक से जानते हैं इसके बारे में:
हरतालिका तीज का महत्व
हरतालिका तीज पर माता पार्वती और भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस व्रत को रखने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. कुंवारी कन्याएं भी अच्छे वर की कामना के लिए ये व्रत रखती हैं. हरतालिका तीज व्रत भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. माता पार्वती ने शंकर भगवान को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था. माता पार्वती के इस तप को देखकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और पार्वती जी की अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया. तभी से अच्छे पति की कामना और पति की लंबी आयु के लिए हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है.
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कथा ब्यास
ज्योतिष कर्मकांड मर्मज्ञ
आचार्य प्राणनाथ मिश्रा
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