DELHI: श्रमिक नेता व श्रमिक विकास संगठन (SVS) के गौतमबुद्ध नगर के जिला अध्यक्ष रामजी पांडे ने केंद्र सरकार से मांग की है कि देश की आजादी की लड़ाई में हंसते हंसते अपने प्राण निछावर करने वाले क्रांतिकारी चंदशेखर आजाद, भगत सिंह,राजगुरू ,सुखदेव,व सुभाषचन्द्र बोस,रामप्रसाद बिस्मिल आदि सभी क्रांतिकारियों को शहीद का दर्जा दिया जाए ।
श्रमिक नेता रामजी पांडे ने डिजिटल मीडिया टैप न्यूज़ इंडिया के माध्यम से कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि आजादी की लड़ाई में अपनी जान देकर हमे आजादी की सुबह दिखलाने वाले लाखों क्रांतिकारियों को आजादी के 70 साल के बाद भी उन्हें शहीद का दर्जा नही दिया गया है जो हमारे लिए शर्म और चिंता का विषय है रामजी पांडे ने कहा कि देश शहीदों का यह अपमान कतई बर्दाश्त नही करेगा।
उन्होंने कहा कि “देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि भगत सिंह ने देश के लिए अपनी जान दी थी, फिर सरकार को शहीद घोषित करने में क्या दिक्कत हो सकती है.अगर सरकार यह नही कर सकती तो उसका कारण जनता को बताना चाहिए।उन्होंने कहा कि दरअसल सरकार को भगत सिंह या चंदशेखर से कोई सियासी फायदा नहीं होता इसलिए वह इस बारे में जज्बा भी नहीं दिखाती. सरकार जब चाहे तब भगत सिंह को दस्तावेजों में शहीद घोषित कर सकती है, इसमें कोई तकनीकी दिक्कत नहीं है. भगत सिंह अंग्रेजों के लिए क्रांतिकारी आतंकी थे, हमारे लिए वह लाखों क्रांतिकारी शहीद है रामजी पांडे ने कहा कि
भगत सिंह सिर्फ 23 साल की उम्र में शहीद हो गये थे. और 23 साल की उम्र ज़िंदगी का वो पड़ाव होता है जब लोग सिर्फ अपने बारे में सोचते हैं और सिर्फ अपने भविष्य की चिंता करते हैं. लेकिन भगत सिंह 23 वर्ष की उम्र में इसलिए फांसी पर चढ़ गए क्योंकि उन्हें हमारे देश के भविष्य की चिंता थी ।और यही बात उन्हें सबसे अलग बनाती है। ऐसे राष्ट्र भक्त सदियों में एक बार जन्म लेते हैं।