गाड़ी के कागज नहीं तो चालान, हेलमेट नहीं तो चालान, पैर में जूता नहीं तो चालान, इंश्योरेंस नहीं तो चालान, प्रदूषण नहीं तो चालान,
और तुम सड़क बनाने में भ्रष्टाचार करो तो उसकी कोई चालान नहीं..? नई सड़क बनते ही पहली ही बारिश में सड़क के गड्ढे में तब्दील हो जाती है, समझ में ही नहीं आता है कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क है..? इस पर कोई ध्यान नहीं, लेकिन जनता की जेब कैसे काटनी है इस पर बखूबी पैनी नजर बनाए रखते हैं सरकारी महकमे....: #हेलमेट तो भैया हम लगा लेंगे लेकिन इस रोड को कौन बनवाएंगा और इसका #चालान कौन भरेगा सामने आए ???
नियम बनाना गलत नहीं है लेकिन नियम पर चलना भी जरूरी है ...