धोनी के रिटायरमेंट पर पीएम मोदी ने लिखा इमोशनल लेटर deepak tiwari

नई दिल्ली। महेंद्र सिंह धोनी का इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पत्र लिखकर उनकी तारीफ की और आगे जीवन के लिए शुभकामनाएं दी। पत्र में पीएम मोदी ने धोनी के जीवन के कई अहम पलों को याद किया। विशेष रूस से वर्ल्ड कप टी 20 2007 और 2011 में उनके योगदान को सराहा है। पीएम मोदी ने पत्र में धोनी के हेयर स्टाइल से लेकर उनकी बेटी जीवा के साथ बॉन्डिंग पर भी जिक्र किया है।
एमएस धोनी ने ये पत्र टि्वटर पर शेयर कर पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है। धोनी ने कहा, “हर एक कलाकार, सैनिक और खिलाड़ी को तारीफ की कामना होती है। वो चाहते हैं कि उनकी मेहनत और बलिदान के बारे में हर कोई जानें। आपकी ओर से मिली प्रशंसा और शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 15 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय करियर से संन्यास का ऐलान कर दिया। उनके रिटायरमेंट पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शानदार उपलब्धियों के लिए मुबारकबाद दी साथ ही देश को कई ऐतिहासिक जीत दिलाने के लिए धन्यवाद भी कहा। नरेंद्र मोदी ने दो पन्नों का लंबा पत्र लिखा जिसमें उन्होंने धोनी के शांत स्वभाव की तारीफ की। उन्होंने कहा कि धोनी हमेशा देश के युवाओं के लिए प्रेरणा रहेंगे। नरेंद्र मोदी ने अपने इस पत्र में धोनी की सभी उपलब्धियों के बारे में लिखा।
प्यारे महेंद्र,
15 अगस्त के दिन आपने हमेशा हैरान कर देने वाले स्टाइल में एक छोटा सा वीडियो डालकर रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। हालांकि यह पूरे देश के लिए चर्चा का विषय बनने के लिए काफी था। 130 करोड़ भारतवासी निराश हुए लेकिन पिछले डेढ़ दशक में जो आपने देश के लिए किया उसके लिए वह सभी आपके आभारी हैं। आपके करियर को देखने का एक तरीका आंकड़ें भी हैं। आपने भारत के सबसे सफल कप्तानों में शामिल रहे और देश को टॉप पर पहुंचाया। क्रिकेट के इतिहास में आपका नाम महान बल्लेबाज, कप्तान के साथ‑साथ इस खेल के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर्स में भी शामिल रहेगा।
मुश्किल स्थिति में आप पर टीम निर्भर करती थी और आपका फिनिशिंग स्टाइल हमेशा फैंस को याद रहेगा खासकर जिस तरह आपने 2011 वर्ल्ड कप देश को जिताया, लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का नाम केवल आंकड़ों के लिए और जीत के लिए ही याद नहीं किया जाएगा। आपको सिर्फ एक खिलाड़ी के तौर पर देखना आपके साथ अन्याय होगा। आप एक अलग युग थे।
आप एक छोटे से शहर निकलकर आए और देश की पहचान बन गए। आपने देश को गौरव करने के कई मौके दिए। आपकी सफलता ने देश के करोड़ों युवाओं के हिम्मत औऱ प्रेरणा दी। उन्हें बताया कि किसी बड़े स्कूल, यूनिवर्सिटी में न पढ़ते हुए एक छोटे शहर से आने के बावजूद अपनी प्रतिभा से उच्चतम स्तर पर पहचान बना सकते हैं।