भोपाल.मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमितों का रिकवरी रेट बढ़ाने के लिए अब मरीजों का ब्रेन बूस्ट किया जाएगा। इसके लिए मनोवैज्ञानिक की मदद ली जाएगी। यह बात लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कही। इसके साथ मरीजों का मन बहलाने के लिए अस्पतालों में मनोरंजन, इनडोर गेम्स, संगीत, टेलीविजन, ध्यान और योग और प्रेरक बातें करने वाले वक्ताओं आदि की व्यवस्था की जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मरीजों को मानसिक अवसाद में जाने से रोकने के लिए प्रयास करने को कहा है, ताकि ज्यादा से ज्यादा मरीज ठीक हो सकें। 60 साल की ज्यादा उम्र के मरीजों को चिन्हित कर उन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
इधर, कोरोना पॉजिटव होने के बाद आईसोलेट हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने होम आइसोलेशन के संबंध में स्पष्ट गाइडलाइन जारी करने की आवश्यकता बताई। इस पर मुख्यमंत्री ने डिस्ट्रिक क्राइसिस मैनेजमेंट को जल्द से गाइड लाइन को लेकर लोगों को जागरुक करने की बात कही है। शिवराज ने कहा कि कोरोना अब शहरों से कस्बों और कस्बों से गांवों की ओर फैल रहा है। आवश्यक सावधानियों पर जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है। सामान्य लक्षण वाले मरीजों के होम आइसोलेशन को प्रोत्साहित करना चाहिए। इसमें रियल टाइम मॉनीटरिंग सुनिश्चित करने के लिए एप तथा अन्य आवश्यक साधनों का उपयोग सुनिश्चित किया जाए।
गंभीर मरीजों को तत्काल मदद पहुंचनी चाहिए
मेडिकल कॉलेज से लेकर जिला चिकित्सालयों तक की क्षमता में सुधार करना भी आवश्यक है। एंबुलेंस सुविधा तथा गंभीर बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों को तत्काल चिकित्सालय तक पहुंचाने में देरी नहीं होना चाहिए। कोरोना मरीजों के उपचार संबंधी प्रोटोकॉल तथा गाइडलाइन पर जिला अस्पतालों की ट्रेनिंग जरूरी है। इसमें मेडिकल कॉलेज तथा एम्स जैसी संस्थाओं को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी।
मुख्यमंत्री खुद करेंगे प्लाजमा डोनेट
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना पर जीत से कम कुछ नहीं चाहिए। प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करने के लिए शासन, प्रशासन, चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टॉफ और जनसामान्य को साथ मिलकर काम करना होगा। प्रदेश में प्रतिदिन 20 हजार टेस्ट की क्षमता विकसित करना है। मृत्यु दर, उसके कारणों तथा बचाव की प्रभावी रणनीति पर विस्तार से विचार-विमर्श किया। कोरोना की जंग जीतने वाले शिवराज ने कहा कि प्लाज्मा थैरेपी को बढ़ावा देने की आवश्यकता है, इसलिए मैं खुद भी प्लाज्मा डोनेट करुंगा।
यह गाइडलाइन जारी
डेथ ऑडिट के साथ-साथ ट्रीटमेंट ऑडिट सुनिश्चित होगा।
उपचार और व्यवस्था में सुधार की दृष्टि से गंभीर मरीजों की इलाज प्रक्रिया के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समूह का गठन।
चिकित्सकों तथा पैरामेडिकल स्टॉफ को संक्रमण से बचाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएंगे।
गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए चिकित्सकों की टीम पहुंच में हो।
प्रोटोकॉल के अनुसार, पैरामेडिकल स्टॉफ की लगातार ट्रेनिंग होगी।
संभावित तथा संक्रमितों को कोविड केयर सेंटर तथा डेडिकेटेड सेंटर में पहुंचने की सही व्यवस्था।
मेडिकल कॉलेज तथा एम्स जिला चिकित्सालयों की मॉनीटरिंग करेंगे।
60 वर्ष से अधिक उम्र के अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों को विशेष व्यवस्था।