सवाई माधोपुर: सड़क पर चला प्रशासन का डंडा तो निखर आया मुख्य सड़क मार्ग का मूल स्वरूप
सवाई माधोपुर/ मलारना डूंगर @चंद्रशेखर शर्मा। मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र के मलारना चौड़ कस्बे में स्थित लालसोट- कोटा मेगा हाईवे से जुड़े मुख्य सड़क मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करने हेतु प्रशासन द्वारा सख्ती दिखाते हुए शुक्रवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अमल में लाई गई। प्रशासनिक अधिकारियों की देखरेख में श्री मीन भगवान मंदिर से लेकर रामसागर तालाब की मोरी(ढोला) तक 2 दर्जन से अधिक कच्चे- पक्के अतिक्रमण (पक्की चारदीवारी एवं कांटे लगी हुई बाड़ ) को जेसीबी मशीनों के द्वारा ध्वस्त किया गया। जिसके चलते सड़क मार्ग एक बार फिर से अपने मूल स्वरूप में निखर आया। इस दौरान नायब तहसीलदार अमितेश मीणा, गिरदावर बाबूलाल पूर्विया, पटवारी मनीष कुमार एवं पुलिस टीम का जत्था मौके पर मौजूद रहा,जिसके द्वारा संपूर्ण अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अंजाम दिया गया। मुख्य सड़क मार्ग के दोनों ओर अतिक्रमण के कारण नालियों एवं बरसाती पानी के निकास नहीं होने की वजह से संपूर्ण पानी सड़क के बीचों-बीच बीच एकत्रित हो जाने की समस्या कई सालों से बरकरार थी। इस बार भी प्रथम बरसात में ही हाल ही में निर्मित सड़क मार्ग गंदे पानी व कीचड़ के भराव के चलते गहरे गड्ढों में तब्दील हो चुका था।पैदल राहगीर ही नहीं आवागमन/यातायात के साधनों के लिए भी यह सड़क मार्ग भारी बड़ी मुसीबत बन कर उभर रहा था। सड़क की दुर्दशा का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि , जहां सड़क मार्ग में 2 से 3 फीट गहरे गड्ढे होने के साथ ही संपूर्ण सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चला था, वहीं लोगों को आवागमन में भी खासी परेशानी उठानी पड़ रही थी। स्थानीय ग्राम पंचायत सरपंच श्रीमती रुकमणी देवी मीणा की ओर से ग्रामीणों की शिकायत पर उक्त मामले को लेकर स्थानीय प्रशासन व जिला कलेक्टरके साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग से समस्या के समाधान हेतु गुहार लगाई गई थी। ताकि कस्बे से निकल रहे लालसोट- कोटा मेगा हाईवे मुख्य सड़क मार्ग को अतिक्रमण मुक्त करवाया जा सके। ग्राम पंचायत सरपंच व कोर कमेटी की मांग पर मलारना डूंगर प्रशासन द्वारा उक्त मामले में हस्तक्षेप करते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही को अतिक्रमणकारियों के विरोध के बावजूद पुलिस की उपस्थिति में सख्ती बरतते हुए कार्यवाही की गई। नायब तहसीलदार अमितेश कुमार मीणा ने बताया कि शेष पक्के निर्माणकर्ताओं को 15 दिन का अल्टीमेटम देकर स्वत: ही अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया गया है। फिर भी अगर अतिक्रमणकारी द्वारा समय रहते हुए अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं की जाती है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। परिस्थिति के लिए स्वयं जिम्मेदार होंगे।