सवाई माधोपुर@ चंद्रशेखर शर्मा। 26 वें विश्व आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में रोटी बैंक सवाई माधोपुर की ओर से वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। रोटी बैंक के माध्यम से सवाई माधोपुर क्षेत्र सहित आस- पास के गांवों मैं बैंक के कार्यकर्ताओं में शामिल युवाओं ने जैसे बलरिया में विक्रम, डीके ,धर्मेन्द्र ने 51 पौधे,मेनपुरा में हैमन्त मीना, मस्तराम मीना, चेतन मीना हुकम सैन ने मिलकर 21 वृक्ष,मलारना चौड़ में,चन्दरकेश,चम्पारा, हरिशंकर,राजेश, अजय मरमट,दीनदयाल व समस्त युवा टीम ने मिलकर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व वीर तेजाजी,माताजी, वेद आश्रम मलारना चौड़ ,हनुमान जी मंदिर आदि स्थानों पर युवा टीम कस्बे में 151 पोधे आदिवासी दिवस के उपलक्ष में लगाकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संदेश दिया। विभिन्न जगहों जैसे स्मारक, पार्क स्कूल, कॉलेज एवं देव स्थानों पर या उनके सामने सैकड़ों फूल व फलदार पौधे लगाए गए एवं उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी ली गई। वृक्षारोपण के साथ ही विश्व आदिवासी जनजातीय समुदाय ने बदलते पर्यावरण के विनाश को बचाने का संकल्प लिया है। रोटी बैंक सवाई माधोपुर के संचालक एम.पी गंभीरा और साथ उनकी टीम के दिव्यांग सदस्य एवं मीडिया प्रभारी कालूराम मीना( जोलंदा) ने बताया कि पृथ्वी पर पेड़-पौधे की अंधा-धुंध कटाई एवं कमी के कारण पर्यावरण असंतुलन की समस्या आ खड़ी हुई है, जिसके चलते ग्लोबल वार्मिंग जैसी परिस्थिति ने सारी दुनिया में भविष्य को लेकर मानव जाति के जीवन के अस्तित्व पर खतरा मंडराने की बात कही है। वर्तमान के चलते विभिन्न मेगा हाईवे एवं फोरलेन सड़कों के निर्माण के लिए अंधा-धुंध पेड़ों की कटाई की जा रही है, जबकि उसकी एवज में नए पौधे नहीं लगाए जा रहे हैं।अगर किसी कारणवश लगाए भी नहीं जा रहे हैं तो उनकी समुचित देखभाल नहीं की जा रही है। जिसके चलते वह समय से पूर्व ही नष्ट हो रहे हैं। कम होते जल, जंगल और जमीन की वजह से भविष्य को लेकर लोग चिंतित है। आधुनिकरण के चलते हमारी पृथ्वी पर पेड़ों की बहुत ही ज्यादा कमी हो चली है जिससे हमारा वातावरण प्रदूषित हो रहा है और जहरीली गैस बढ़ रही हैं जिससे हमारे शरीर में बहुत सी बीमारीयां नित्य- प्रतिदिन घर कर रही हैं। इसके अलावा पेड़ों की कमी से वर्षा भी बहुत कम होने लगी है यदि ऐसे ही हमारी पृथ्वी पर पेड़ों की लगातार कमी आती रही तो वह दिन दूर नहीं है जब हमारी पृथ्वी का अंत नजदीक आ जाएगा। क्योंकि हमारे वातावरण और पर्यावरण को संतुलित रखने के लिए पेड़ों की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता है क्योंकि हमें जीने के लिए ऑक्सीजन देते हैं और पेड़ों से ही वर्षा होती है। जिससे हमें पीने के लिए जल की प्राप्त होती है इसलिए हमारा सभी से निवेदन है कि सभी लोग ज्यादा नहीं तो कम से कम एक पेड़ लगाएं और उसकी जब तक देखभाल करें जब तक पेड़ थोड़ा बड़ा नहीं हो जाए। आदिवासी दिवस पर बिरसा मुंडा की जीवनी को लेकर भी विभिन्न जगहों पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए।