भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान की एक आवश्यक बैठक गूगल मीट एप के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में सांगठनिक कार्यो की समीक्षा के साथ ही भावी रणनीति तय की गई।
इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि जन शिकायतों के निस्तारण हेतु अत्यन्त उपयोगी व्यवस्था जनसुनवाई पोर्टल को भ्रष्ट तत्वों ने निष्प्रभावी कर दिया है। शासनादेश के अनुसार आरोपी को जांच नहीं सौंपी जाएगी, किन्तु शासनादेश का उल्लंघन कर आरोपी को ही जांच सौंप दी जाती है और आरोपी की आख्या के आधार पर ही शिकायत निस्तारित दर्शा दी जाती है। असन्तुष्टि के आधार पर शिकायत कर्ता का फीडबैक प्राप्त होने पर उच्च अधिकारी से पुनः जांच कराये जाने की व्यवस्था है, किन्तु फीडबैक के पश्चात भी आरोपी से पुनः आख्या मांगकर शिकायत निस्तारित कर दी जाती है। कुछ विभागों में तो आख्या के प्रारूप तैयार कर लिए गए हैं। बिना पढ़े शिकायत निस्तारित कर दी जाती है। शिकायत निवारण तंत्र को पूरी तरह विफल कर दिया गया है। जनसुनवाई पोर्टल बाबुओं की गिरफ्त में हैं।
श्री राठोड़ ने कहा कि लम्बे समय से एक ही स्थान पर कार्यरत अधिकारियों के कारण भ्रष्टाचार में वृद्धि हो रही है। भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के सहयोगी 31 अगस्त 2020 को माई ग्रीवांस पोर्टल/ईमेल/ ट्विटर के माध्यम से मांगपत्र प्रधानमंत्री व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित करके, जनसुनवाई पोर्टल का मूल स्वरूप लौटाने, आरोपी को जांच न सौंपने, फीडबैक प्राप्त होने पर उच्च अधिकारी से जांच कराने, जांच में शिकायतकर्ता का सहयोग लेने तथा परिणाम से शिकायतकर्ता को अवगत कराने एवं कृषि, सहकारिता,गन्ना, चिकित्सा, आपूर्ति, खाद्य सुरक्षा,ग्राम विकास व पन्चायत राज विभाग सहित अन्य विभागों में लम्बे समय से कार्यरत अधिकारियों को स्थानांतरित किए जाने की मांग की जाएगी। मांगे न माने जाने पर सत्याग्रह किया जायेगा।
बैठक में प्रमुख रूप से एम एल गुप्ता, डाल भगवान सिंह, कैप्टन राम सिंह,शमसुल हसन, रामगोपाल,एम एच कादरी, अखिलेश सिंह, वेदपाल सिंह,अभय माहेश्वरी, अखिलेश सोलंकी, राम-लखन,आर्येन्द्र पाल सिंह,असद अहमद, नारद सिंह, कृष्ण गोपाल, सतेन्द्र सिंह, भुवनेश कुमार,समीरुद्दीन अन्सारी एडवोकेट, महेश चंद्र, वीरपाल, महावीर सिंह आदि की सहभागिता रही।