हवाई यात्रा के दौरान टॉयलेट इस्तेमाल करने पर कोरोना का संक्रमण होने का अपनी तरह का अनोखा मामला सामने आया है। साउथ कोरिया की रहने वाली 28 साल की महिला विमान में 300 यात्रियों के साथ थी। महामारी की घोषणा के बीच उसे 31 मार्च को इटली के मिलान शहर में उतरना पड़ा था। यह दावा साउथ कोरिया के रिसर्चर्स ने किया है।
सियोल की सुंचूंहयांग यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च के मुताबिक, महिला ने पूरी यात्रा के दौरान एन-95 मास्क पहन रखा था सिर्फ टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय उसने इसे हटाया था।
6 पॉइंट्स कब और कैसे संक्रमित हुई
इमर्जिंग इंफेक्शियस डिसीज जर्नल में प्रकाशित खबर के मुताबिक, यात्रा के दौरान एक ऐसे यात्री ने टॉयलेट का इस्तेमाल किया, जो एसिम्प्टोमैटिक था। उसके बाद महिला जब टॉयलेट गई तो संक्रमित सतह को छुआ या कोरोना से संक्रमिण कणों के सम्पर्क में आई।
रिसर्चर्स का कहना है कि यह विमान यात्रा साउथ कोरिया के अधिकारियों ने कराई थी। इस दौरान प्लेन में बैठने से पहले सभी यात्रियों की जांच भी हुई थी।
कुल 310 यात्री मिलान एयरपोर्ट पर उतरे थे। इनमें से 11 में कोरोना के लक्षण दिखे थे और इन्हें प्लेन में वापसी की अनुमति नहीं दी गई थी।
मिलान से वापस प्लेन में पहुंचने वाले सभी यात्रियों को एन-95 मास्क दिए गए थे। बोर्डिंग से पहले सभी एक-दूसरे से 6 फीट की दूरी पर थे। सिर्फ खाना खाने और टॉयलेट का इस्तेमाल करने के अलावा पूरे समय तक सभी ने मास्क पहन रखे थे।
11 घंटे की यात्रा के बाद जब 299 यात्री साउथ कोरिया पहुंचे को उन्हें दो हफ्ते के लिए क्वारैंटाइन किया गया। इनमें 6 में कोरोना की पुष्टि होने पर अस्पताल में भर्ती किया गया।
क्वारैंटाइन के 8वें दिन 28 साल की उस महिला में कोविड-19 के लक्षण दिखने शुरू हुए। उसे खांसी आई, नाक से पानी बहा और मांसपेशियों में दर्द हुआ। उसे 14वें दिन हॉस्पिटल में भर्ती किया गया।
महिला से 3 कतार पीछे बैठा था एसिम्प्टोमैटिक शख्स
रिसर्चर्स के मुताबिक, महिला को जिस एसिम्प्टोमैटिक शख्स से संक्रमण फैलने की बात की जा रही है वह उनसे तीन कतार (रो) पीछे बैठा था। मिलान शहर में महिला घर से बाहर नहीं निकली और 3 हफ्ते तक खुद को क्वारैंटाइन में रखा। रिसर्चर्स ने हिदायत दी कि विमान में यात्रा करते समय एसिम्प्टोमैटिक इंसान से भी कोरोना का संक्रमण होने का खतरा रहता है।