RAM MANDIR:अयोध्या में 5 अगस्त को पीएम मोदी कर सकते है राम मंदिर के लिए भूमि पूजन जानिए कैसा होगा मंदिर का मॉडल-के सी शर्मा


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कर सकते हैं. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि पांच अगस्त पीएम मोदी के अयोध्या जाने की संभावना है. लेकिन अभी इसकी आधिकारिक घोषणा होनी बाकी है. पांच अगस्त को हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्र पक्ष द्वितीय का दिन है. प्रधानमंत्री के अलावा भूमि पूजन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगा आदित्यनाथ भी शिरकत करेंगे.

बता दें कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की शनिवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अगस्त के पहले हफ़्ते की 2 तारीखें दी गई थी. अब 5 अगस्त को पूर्णिमा के दिन भूमि पूजन किया जाएगा.

राम मंदिर मॉडल में कैसा होगा बदलाव

 श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल में हल्का बदलाव करने पर भी सहमति बनी है. पहले के मॉडल में गर्भ गृह के मुख्य शिखर के अलावा 2 मंडप (गुम्बद नुमा आकार) मौजूद थे.

अब 2 की जगह कुल 5 मंडप होंगे.

 पहले प्रस्तावित मॉडल की ऊंचाई 138 फुट थी, जिसको बढ़ाकर 161 फुट करने पर सहमति बनी है.

वीएचपी के मॉडल के मुताबिक पहले ऊंचाई 138 फुट, लंबाई 268 फुट और चौड़ाई 140 फुट होनी थी. अब लंबाई लगभग उतनी ही रहेगी लेकिन ऊंचाई 161 फुट और चौड़ाई गर्भ गृह के पास कुछ बढ़ जाएगी.

 लेआउट की बात करें तो पहले आयताकार आकर था जिसको आर्किटेक्ट के मुताबिक क्रुसीफार्म आकर का किया जाएगा.

 आकार पहले 313×149 फुट था, जो अब 344×235 फुट होगी.

 शिखर की चोटी 138 फुट से बढ़ाकर 161 फुट किया जाएगा. क्षेत्रफल भी आकार के मुताबिक़ बढ़ेगा.

 इसके अलावा पत्थर की मात्रा पहले 2,43,000 घन फुट था, जो अब नए मॉडल के मुताबिक़ 3,75,000 घन फुट होगा.

परिस्थितियां सही रहीं तो तीन-साढ़े तीन साल में बन जाएगा मंदिर- चंपत राय

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि अगर परिस्थितियां सही रहीं तो तीन या साढ़े तीन साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि धन संग्रह और बाकी की ड्रॉइंग तैयार हो जाएंगी, तब से हम मानते हैं कि तीन से साढ़े तीन साल में मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा. समतलीकरण का काम लगभग पूरा हो गया है.

टाइल्स का काम सोमपुरा मार्बल्स करेगा
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि L&T मिट्टी की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा कर रही है. जमीन के 60 मीटर नीचे की मजबूती को देखते हुए ही मंदिर की नींव डाली जाएगी. उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग में यह तय हुआ है कि मंदिर के लिए टाइल्स सोमपुरा मार्बल ब्रिक्स की ओर से दिया जाएगा. लार्सन एंड टर्बो अपना काम करेगा और टाइल्स का काम सोमपुरा मार्बल्स करेगा.