नई दिल्ली. केंद्रीय कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy, NEP) को स्वीकृति दे दी है और एचआरडी मंत्रालय (HRD Ministry) का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय (Education Ministry) कर दिया है. माना जा रहा है इस नई शिक्षा नीति से भारतीय शिक्षा पद्धति (Indian Education System) में एक नया बदलाव आ सकता है. इससे जुड़ा ड्राफ्ट पूर्व इसरो चीफ के कस्तूरी रंगन (Former ISRO chief K Kasturirangan) की अगुवाई वाले पैनल ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सब्मिट किया था.
माना जा रहा है कि इस नई शिक्षा नीति को कुछ इस तरह से बनाया गया है कि यह 21 वीं सदी के उद्देश्यों को पूरा करे साथ ही भारत की परंपराओं और वैल्यू सिस्टम से भी सुसंगत हो. इसको भारत के एजुकेशन स्ट्रक्चर के सभी पहलुओं को ध्यान में रख के बनाया गया है.
राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति इंडिया सेंट्रिक है जिससे समाज के सभी वर्गों तक समान तरीके से आधुनिक नॉलेज पहुंचाया जा सके. यह सभी लोगों को उच्च स्तरीय शिक्षा देने में विश्वास रखता है. हम आपको इस नई शिक्षा नीति के कुछ खास बिंदुओं के बारे में बताते हैं-
प्रि-प्राइमरी एजुकेशन
इस नई शिक्षा नीति का उद्देश्य प्रि-प्राइमरी एजुकेशन (3 से 5 साल के बच्चों के लिए) को सभी के लिए 2025 तक उपलब्ध कराना है. इसके जरिए आधारभूत साक्षरता और अंको का ज्ञान सभी को उपलब्ध कराना लक्ष्य होगा.
शिक्षा तक सभी की पहुंच
सभी को शिक्षा उपलब्ध कराने और ड्रॉपआउट्स को फिर से स्कूल से जोड़ने के लिए नई शिक्षा नीति का उद्देश्य होगा. इसके लिए कोशिश की जाएगी कि साल 2030 तक 3 से 18 साल तक के आयु वर्ग के सभी बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा उपलब्ध कराई जाए.
नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत नया करीकुलर और शैक्षणिक स्ट्रक्चर को लागू किया जाएगा.
आर्ट्स और साइंस के बीच ज्यादा भेद नहीं
बच्चों को आर्ट्स, साइंस, स्पोर्ट्स, ह्यूमनिटीज़ और वोकेशनल विषयों के बीच चुनने की ज्यादा छूट दी जाएगी.
स्थानीय भाषा में शिक्षा
बच्चे 2 से 8 साल के बीच काफी तेजी से भाषा को सीख लेते हैं और कई भाषाएं जानना मस्तिष्क पर काफी सकारात्मक प्रभाव छोड़ता है. इसलिए शुरू से ही तीन भाषाएं पढ़ाई जाएंगी.
स्कूलों में त्रिभाषा सिस्टम को स्कूलों में जारी रखना
1968 में जब से नई शिक्षा नीति को लागू किया गया, तभी से त्रिभाषा फार्मूला को फॉलो किया जा रहा है. बाद में 1986 और 1992 और 2005 की शिक्षा नीति में भी इसको जारी रखा गया. इस नई शिक्षा नीति में भी इस लागू रखा जाएगा.
छात्र पढ़ेंगे एक क्लासिकल लैंग्वेज
भारतीय क्लासिकल लैंग्वेज को बचाने के लिए हर छात्र 6-8वीं ग्रेड में एक क्लासिकल लैंग्वेज पढे़गा. इससे छात्र क्लासिकल लैंग्वेज को सीख पाएंगे.
फिजिकल एजुकेशन
सभी स्टूडेंट्स को स्कूल के सारे स्तरों पर फिजिकल ऐक्टिविटी और एक्सरसाइज में शामिल होंगे. इसमें स्पोर्टस्, योग, खेल, मार्शल आर्ट्स, डांस, बागाबानी और भी तमाम चीजें स्थानीय स्तर पर टीचर्स और सुविधाओं की उपलब्धता के आधार पर शामिल किया जाएगा.
राज्य स्कूल रेग्युलेटरी अथॉरिटी
राज्य स्तरीय स्वतंत्र स्टेट स्कूल रेग्युलेटरी अथॉरिटी बॉडी को बनाया जाएगा. यह इकाई हर राज्य के लिए होगी.
नेशनल रिसर्च फाउंडेशन
एक नेशनल रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की जाएगी ताकि अलग अलग क्षेत्रों में रिसर्च के प्रस्तावों की फंडिंग की जा सके.
राष्ट्रीय शिक्षा आयोग
नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय शिक्षा आयोग भी बनाया जाएगा. भारत के प्रधानमंत्री इसकी अध्यक्षता करेंगे. यह देश में शिक्षा के विकास, मूल्यांकन और नीतियों लागू करने का काम करेगा.