गौतमबुद्ध नगर :जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए लगातार जांच अभियान चला रहा है। लेकिन गौतमबुद्ध नगर में कोरोना की जांच के लिए संदिग्ध मरीज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को नहीं मिल रहे हैं। अब संदिग्ध क्षेत्रों में संक्रमितों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करने के लिए विभाग की ओर से आज से तीन दिनों का सक्रिय खोजी अभियान चलाया गया है।
आज 17 जुलाई से 20 जुलाई तक जिले की विभिन्न सोसाइटियों और गांवों में कोविड-19 की जांच के लिए रैपिड टेस्ट कैम्प शुरुआत की गई है । इन कैंप के माध्यम से गौतमबुद्ध नगर जिले की विभिन्न सोसाइटियों और गांवों में कोविड-19 की जांच के लिए रैपिड टेस्ट कैम्प लगाया जा रहा है। प्रशासन ने लोगों से जांच कराने की अपील की है।अपील का लोगो पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है और लोग जांच करने के लिए आगे भी आ रहे है।
बाइट : राम मोहन त्रिपाठी
नोडल अधिकारी ने बताया कि 19 जुलाई को छलेरा गांव के शिव मंदिर के सामने, ग्राम शाहपुर कम्युनिटी सेंटर सेक्टर-128, ग्रैंड ओमेक्स सेक्टर-93बी, रसूलपुर नवादा प्राइमरी स्कूल और 20 जुलाई को कम्युनिटी सेंटर सेक्टर-20, सेक्टर 63 छिसारसी बारात घर में शिविर लगेगा।
बाइट : विजेंदर सिंह (नोडल अधिकारी, कोविड़)
स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासन तक पूरा अमला इस प्रयास में जुटा है कि यहां पर होने वाली जांच की संख्या को अधिक से अधिक बढ़ाया जाए। जो नमूने लिए जा रहे हैं, उनमें भी संक्रमित निकलने वाले मरीजों का प्रतिशत अन्य जिलों से कम है। डीएम सुहास एल.वाई ने कहा कि पहले जिले में एक दिन में औसतन 300 लोगों के कोरोना जांच के लिए सैंपल लिए जा रहे थे। लेकिन अब उसे दस गुना बढ़ा दिया गया है। यह अच्छा संकेत है कि अब कोरोना के संदिग्ध मरीज जिले में कम हो रहे हैं।
अभी तक जिले में 56 हजार लोगों की कोरोना जांच कराई जा चुकी है जिसमें 3862 को कोरोना की पुष्टि हुई है। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद गौतमबुद्ध नगर में कोरोना वायरस से जितने भी संक्रमित मरीज पाए गए हैं, उनमें से 75.6 प्रतिशत लोग इलाज के बाद पूरी तरह ठीक होकर अस्पताल से घर जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमण से मौत का प्रतिशत 0.9 है। जनपद में अब तक 37 लोगों की मौत हुई है।
पत्रकार विक्रम