बदायंू: अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर अम्बियापुर क्षेत्र के गांव दबिहारी में प्रज्ञा मंडल, प्रखर बाल संस्कारशाला के बच्चों और ग्रामीणों ने वेदमंत्रोच्चारण के साथ औषधीय, फलदार और फूलों के पौधे लगाए।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि जल, जंगल और जमीन प्रकृति का अनुपम उपहार हैं। पेड़-पौधे मनुष्य, प्राणी जगत और नदियों के लिए संजीवनी हैं। वृक्षों के अंधाधुंध कटान और पर्यावरण प्रदूषण से ग्लोबल वार्मिंग का संकट गहराता जा रहा है। जीव-जन्तु विलुप्त हो रहे हैं, फसलों की पैदावार कम हो रही है। प्रकृति से खिलबाड़ न करें। पेड़-पौधों से जीवन जटिल नहीं, सहज बनता है। अकाल और बीमारियों से बचें। वृक्षों के अमूल्य उपकारों को समझें। धरती के अस्तित्व बचाने के लिए हरीतिमा संवर्द्धन करें।
निर्मल गंगा जन अभियान के सुखपाल शर्मा ने कहा कि धरती पर प्रदूषण और दूषित गैसों से जीवन दूभर हो गया है। पेड़-पौधे ही प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया में आॅक्सीजन छोड़ते हैं। जिसे ग्रहण कर मनुष्य और प्राणी जगत को जीवनदान मिलता है।
प्रज्ञा मंडल के भवेश शर्मा ने कहा कि वृक्ष-वनस्पतियां मानव जीवन का मूल आधार हैं। वन-संपदा से फल-फूल, औषधियां, वायु शोधन, वर्षा संतुलन, धरती के कटाव और बाढ़ रोकने के साथ पशु-पक्षियों को आश्रय मिलता है।
राधा, भूमि के विद्यारंभ संस्कार और सुखपाल शर्मा के 73वें जन्मदिवसोत्सव के बाद मातृशक्ति धनदेवी शर्मा ने वेदमंत्रोच्चारण के साथ पौधों का पूजन किया। आम, जामुन, आॅवला, अनार, अमरूद आदि के अलावा औषधीय पौधे लगाए गए।