सवाई माधोपुर/ मलारना डूंगर@ रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र के कस्बें मलारना चौड़ मैं स्थित एक मात्र बैंक शाखा बैंक आॅफ बड़ौदा में बुधवार को दिन-दहाड़े बैंक कर्मचारियों व ग्राहकों की उपस्थिति में चोरों ने चोरी की वारदात को अंजाम देते हुए एक ग्राहक की जेब से हजारों रुपए की नकदी पार कर ली। वारदात के चलते लोगों की जागरूकता से जहां एक किशोर चोर को पकड़ लिया गया वहीं दो चोर मौके का फायदा उठाकर भाग निकले। हालांकि यह पहला अवसर नहीं हैं, इससे पूर्व भी स्थानीय शाखा में चोर बेखौफ होकर चोरी की वारदात कर चुके हैं। गौरतलब है, कि हाल ही में 50 हजार की चोरी का मामला सामना आया था, लेकिन बैंक प्रसाशन की लापरवाही का आलम यह है कि पूर्व में हुई चोरी की घटना से बैंक प्रशासन ने किसी भी प्रकार का सबक नहीं लिया, जिसके चलते चोरों ने एक बार फिर मौके का फायदा उठाकर स्थानीय शाखा में चोरी की घटना को अंजाम दे डाला। बैंक में ग्राहक की जेब से सप्ताह में दूसरी बार पैसे पार हुए हैं। पहली घटना से सबक लेता बैंक प्रशासन तो आज की घटना को रोका जा सकता था।
कस्बे स्थित बैंक आफ बडौदा की स्थानीय शाखा में लेन- देन के दौरान एक व्यक्ति के 22 हजार रूपए जेब से निकाल लिए गए। पता लगने पर जब पूछताछ एवं सीसीटीवी फुटेज देखने पर एक व्यक्ति संदिग्ध नजर आया जिससे स्थानीय लोगों एवं बैंक कर्मचारियों ने पूछताछ की तो उसने पैसे निकालना कबूल किया। जिसकी सूचना थाना मलारना डूंगर पुलिस को दी गई । बैंक शाखा पहुंचे हेड कांस्टेबल नत्थन सिंह ने बताया कि पकड़ा गया व्यक्ति संतोष पुत्र लखन जाति बावरी पुलिया के नीचे बावरी बस्ती सवाई माधोपुर का रहने वाला है इसके बताए अनुसार इसके 2 साथी और थे जो घटना के बाद फरार हो गए हैं बाकी सारी जानकारी थाने पहुंचकर पूछताछ के बाद पता चलेगी।
बैंक शाखा में 1 सप्ताह में दूसरी बार किसी ग्राहक के पैसे निकले हैं यह कहीं ना कहीं स्थानीय बैंक प्रशासन की लापरवाही का विषय है। इससे पहलेनिमोद निवासी हुसैन शाह के 50 हजार रुपए भी निकल चुके हैं। जिसके बाद कोई सुरक्षा या शक्ति नहीं बरती गई।
*बैंक में सुरक्षा व भौतिक सुविधाओं का है टोटा*
कस्बे में मुख्य बस स्टैंड पर लालसोट- कोटा मेगा हाईवे पर स्थित एकमात्र बैंक शाखा बीओबी में सुविधाओं का भी भयंकर टोटा है। बैंकर्स व ग्राहकों की सुरक्षा के लिए *बैंक गार्ड* तैनात रहता है, लेकिन वह गार्ड का कार्य कम और बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों की जी हजूरी वह बैंक के अन्य कार्य में लगा रहता है। स्थानीय शाखा में सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है।
यही नही बैंक में न तो पेयजल की समुचित व्यवस्था है न बैठने की न पार्किंग की व्यवस्था है । बैंक में 2 पानी के मटके रखे होते है जो अक्सर खाली ही पाए जाते है। कस्बे के एक मात्र बैंक होने के साथ यहाँ लगभग 15 गांव के लोग इससे जुड़े है जिससे भीड़
-भाड़ होती है और यही चोरों के लिए मौका होता है । व्यवस्थाओं का आलम यह है, कि यहाँ आये दिन बुजुर्गो को चक्कर आने उल्टी होने की घटना सामान्य है ।
*लाखो- करोड़ो में बैंक का टर्नओवर फिर समुचित व्यवस्थाओं से महरूम* आज से लगभग 7-8 साल पहले बैंक का टर्नओवर 48-56 लाख था, जैसा कि तत्कालीन बैंक कर्मचारी ने बताया था फिर भी समीपवर्ती कस्बे में स्थित अन्य बैंक शाखाओं से मलारना चौड़ कस्बे में स्थित बीओबी शाखा में ना तो ग्राहकों के लिए एवं ना ही स्वयं बैंक की सुरक्षा को लेकर कोई पुख्ता इंतजाम है।
*पहले भी हुई है बैंक में चोरी, देख प्रशासन ने फिर भी नहीं दिया सबक*
विगत सालों बैंक की दीवार तोड़कर चोरी का प्रयास भी किया गया जो नाकाम रहा ।।
*जिले का अग्रणी बैंक है बड़ोदा*