जानिएभगवान शिव ने क्यों लिया था हनुमान अवतार



के सी शर्मा आज सावन का दूसरा दिन है. इस पूरे महीने लोग भगवान शिव की पूजा किऔर रुद्राभिषेक करते हैं. भगवान शिव अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. महादेव अपने भक्तों की रक्षा के लिए हर युग में अवतार लेकर उनकी रक्षा करते हैं. ऐसा माना जाता है कलयुग के रक्षा के लिए भगवान शिव का 12 रूद्र अवतार  म हनुमान उत्पन्न हुआ है. 

हनुमान के जन्म पर क्या कहते हैं शास्त्र
शास्त्रों में रामभक्त हनुमान के जन्म की दो तिथि का उल्लेख मिलता है. जिसमें पहला तो उन्हें भगवान शिव का अवतार माना गया है, क्योंकि रामभक्त हनुमान की माता अंजनी ने भगवान शिव की घोर तपस्या की थी और उन्हें पुत्र के रूप में प्राप्त करने का वर मांगा था.

तब भगवान शिव ने पवन देव के रूप में अपनी रौद्र शक्ति का अंश यज्ञ कुंड में अर्पित किया था और वही शक्ति अंजनी के गर्भ में प्रविष्ट हुई थी. फिर चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमानजी का जन्म हुआ था.

पौराणिक कथा के अनुसार
पौराणि‍क कथाओं के अनुसार रावण का अंत करने के लिए भगवान विष्णु ने राम का अवतार लिया था. उस समय सभी देवताओं ने अलग-अलग रूप में भगवान राम की सेवा करने के लिए अवतार लिया था.

उसी समय भगवान शंकर ने भी अपना रूद्र अवतार लिया था और इसके पीछे वजह थी कि उनको भगवान विष्णु से दास्य का वरदान प्राप्त हुआ था. हनुमान उनके ग्यारहवें रुद्र अवतार हैं. इस रूप में भगवान शंकर ने राम की सेवा भी की और रावण वध में उनकी मदद भी की थी.