सोमवार का दिन चन्द्र ग्रह का दिन होता है और चन्द्रमा के नियंत्रक भगवान शिव हैं। अतः इस दिन पूजा करने से न केवल चन्द्रमा बल्कि भगवान शिव की कृपा भी मिल जाती है। कोई भी व्यक्ति जिसको स्वास्थ्य की समस्या हो, विवाह की मुश्किल हो या दरिद्रता छाई हो।
अगर सावन के हर सोमवार को विधि पूर्वक भगवान शिव की आराधना करता है तो तमाम समस्याओं से मुक्ति पा जाता है। सोमवार और शिवजी के संबंध के कारण ही मां पार्वती ने सोलह सोमवार का उपवास रखा था।
सावन के सोमवार व्रत का महत्तव:-
भगवान शिव की पूजा के लिए और खास तौर से वैवाहिक जीवन के लिए सोमवार की पूजा की जाती है। अगर कुंडली में विवाह का योग न हो या विवाह होने में अड़चनें आ रही हों तो संकल्प लेकर सावन के सोमवार का व्रत किया जाना चाहिए।
सावन के सोमवार की पूजा विधि-
प्रातः काल स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाएं।
घर से नंगे पैर जायें तथा घर से ही लोटे में जल भरकर ले जाएं।
मंदिर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करें, भगवान को साष्टांग करें।
वहीं पर खड़े होकर शिव मंत्र का 108 बार जाप करें।
दिन में केवल फलाहार करें।
सायंकाल भगवान के मन्त्रों का फिर जाप करें, तथा उनकी आरती करें।