सवाई माधोपुर @ रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय भारतीय जनसंघ के संस्थापक डा. श्यामा प्रसाद जी मुखर्जी की 120 वीं जयंती जिलाध्यक्ष डा. भरत लाल मथुरिया के नेतृत्व में भाजपा पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं के साथ सोमवार को हर्षोल्लास के साथ सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मनाई गई। इस अवसर पर बजरिया,अनाज मण्डी परिसर सहित अनेक स्थानों पर 51 से अधिक वृक्षारोपण कर तथा जिला भाजपा कार्यालय पर संगोष्ठी आयोजित कर डॉक्टर मुखर्जी को पुष्पांजलि भेंट की गई। जिला मिडिया प्रभारी दीन दयाल मथुरिया ने बताया की
संगोष्ठी में भाजपा के जिलाध्यक्ष डॉ. बी एल मथुरिया, पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश जैन, भाजपा कार्यकर्ता सत्यनारायण शर्मा आदि ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डा. मुखर्जी के राष्ट्रप्रेम तथा देश के लिए उनके द्वारा दिए गए बलिदान की गाथा व जीवनी पर गहराई से प्रकाश डाला ।
संगोष्ठी में स.मा. शहर मण्डल अध्यक्ष श्रीचरण महावर,बजरिया मण्डल अध्यक्ष अनिल शर्मा, आईटी संभाग संयोजक ओम सुआलका,जिला संयोजक राम-लखन गुर्जर,महिला मोर्चा प्रदेश प्रतिनिधि श्रीमति संतोष मथुरिया,प्रभुलाल गुर्जर,शहर मण्डल महामंत्री मनिष जैन,रोहित गुप्ता,राधेश्याम जैन,लड्डू लाल,शंकर लाल सैनी,बलवीर कुशवाह,अनिल गुप्ता,सुमन शर्मा,कौशल्या देवी,नन्दलाल सैनी सहित अनेक कार्यकर्ता मुंह पर मास्क व सोशियल दूरी का ध्यान रखते हुए शामिल हुए।
जिलाध्यक्ष डा.मथुरिया ने डा. मुखर्जी के देश में "एक विधान-एक प्रधान-एक संविधान-एक निशान"के नारे तथा सपने को साकार करते हुए,मोदी 2.0 सरकार के पहिले ही साल में जम्मू-कश्मिर से धारा 370 व 35A हटाकर डां मुखर्जी के बलिदान को सार्थकता देकर सभी भाजपा कार्यकर्ताओं को उनका जन्मदिन खुशी के साथ मनाने का अवसर प्रदान करने वाला बताया।
पूर्व जिलाध्यक्ष सुरेश जैन ने पं नेहरु के प्रथम मंत्रिमण्डल में उद्योग व सप्लाई मंत्री मंत्री बने डां मुखर्जी को अत्यन्त प्रतिभाशाली व्यक्तित्व का धनी तथा जम्मू-कश्मिर को अलग दर्जा देने का धुर-विरोध कर तुरन्त त्यागपत्र देने के लिये सत्ता लोलुप नहीं होना दर्शाकर राष्ट्रवादी विचारधारा के साथ 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना संस्थापक अध्यक्ष के रुप में करना बताया।
तत्कालीन समय आवश्यक अनुमति के बिना ही जम्मू-कश्मिर के लाल चौक में जाकर तिरंगा फहराने के लिये निकले उनकी पुलिस कस्टेडी में हार्ट अटेक दिखाकर हुई मृत्यु को आकस्मिक मृत्यु नही बल्कि धारा 370 हटाने के प्रयास में उनका बलिदान बताया।
मिडिया जिला प्रभारी दीन दयाल मथुरिया ने 6 जुलाई 1901 को श्री आषुतोष मुखर्जी व श्रीमति जोगमाया देवी मुखर्जी के सम्पन्न परिवार में कलकत्ता मे जन्मे डां मुखर्जी को विशेष प्रतिभाशाली होने के साथ बीए,एमए, एलएलबी,डी लिट तथा कालिन इन से बेरिस्टर डिग्री हासिल कर बंगाल असेम्बली कोंसिल का 1929 से 1946 तक सदस्य तथा वित्त मंत्री रहना बताया।साथ ही उनका भारतीय संविधान निर्माण समिति का सदस्य रहना भी बताया।1953 के जून माह में जम्मू कश्मिर के लिये तिरगां यात्रा पर निकले डां मुखर्जी की संदिग्ध मृत्यु को 2004 में भरी संसद में भाजपा के नेता अटलबिहारी वाजपेयी ने पं नेहरु के भारी वैचारिक मतभेद के चलते मर्डर होना बताया।
सभी ने अंत में डां श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजली की।
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