आपदाकाल में सूचना कार्यकर्त्ताओं ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका


भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के तत्वावधान में सूचना कार्यकर्त्ताओं की एक आनलाइन योजना बैठक गूगल मीट एप के माध्यम से आयोजित की गई। बैठक में माह मार्च 2020 से लेकर अब तक के सान्गठनिक कार्यों की समीक्षा की गई। आपदाकाल में आनलाइन बैठकों व कुटुम्ब सत्याग्रह के माध्यम से उठाये गये लोकहित के विषयों पर कार्यवाही के सम्बन्ध में सूचना के अधिकार के प्रयोग की भी योजना बनाई गई।

सूचना/सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों व अधिवक्ताओं के सम्मान व जीवन की सुरक्षा की मांग को लेकर भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के सहयोगियों व कार्यकर्त्ताओं द्वारा बैठक के पश्चात तीन सूत्रीय मांग पत्र प्रधानमंत्री को माई ग्रीवांस पोर्टल के माध्यम से एवं मुख्यमंत्री को ईमेल के माध्यम से प्रेषित किया गया।

इस अवसर पर विचार व्यक्त करते हुए भ्रष्टाचार मुक्ति अभियान के मुख्य प्रवर्तक हरि प्रताप सिंह राठोड़ एडवोकेट ने कहा कि आपदाकाल में सूचना कार्यकर्त्ताओं ने सराहनीय कार्य किया है। नागरिकों में चेतना उत्पन्न कर आरोग्य सेतु एप एवं आयुष कवच एप डाउनलोड कराये गये, ज़रूरतमंदों को सहायता प्रदान की गई, समस्त कार्यकर्ता आपदा से बचाव हेतु निरन्तर जनजागरण कर रहे हैं साथ ही आनलाइन बैठकों के माध्यम से, कुटुम्ब सत्याग्रहो के माध्यम से लोकहित के विषय भी उठा रहे हैं।माह अप्रैल, मई, जून व जुलाई में विभिन्न माध्यमों से उठाए गए विषयों पर सूचना के अधिकार का प्रयोग करके प्रगति जानने हेतु सभी सूचना कार्यकर्ता सम्बन्धित के समक्ष आवेदन करें।

श्री राठोड़ ने कहा कि स्वतन्त्र रूप से समाज कार्य करने वाले सूचना/सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों व अधिवक्ताओं से भ्रष्ट तत्व व अराजक तत्व द्वेष मानते हैं तथा शत्रुवत आचरण करते हैं। उनके सम्मान और जीवन पर हमले होने लगे हैं।गत वर्षों में इस तरह की घटनाओं में वृद्धि हुई है।ये तीनों वर्ग सभ्य समाज की स्थापना, लोकतांत्रिक मूल्यों एवं नागरिकों के मूल अधिकारों की रक्षा हेतु सतत प्रयासरत रहते हैं। इस सम्बन्ध में हमने देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को मांगपत्र प्रेषित कर मांग की है कि इनके सम्मान और जीवन की सुरक्षा के उपाय किए जावे, इनकी शिकायतों तथा इनके द्वारा उठाए गए विषयों को गम्भीरता से लिया जावे,सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया जावे कि वे इन्हें उचित सम्मान प्रदान करे। इनकी उपेक्षा व असम्मान करने वालें अधिकारियों के विरुद्ध तत्काल कार्यवाही की व्यवस्था की जावे। किसी प्रकार की अनहोनी होने पर एक करोड़ रुपए की सहायता व आश्रित को सरकारी नौकरी देने की व्यवस्था की जावे। 


 

आनलाइन बैठक में प्रमुख रूप से एस सी गुप्ता, डाल भगवान सिंह, एम एल गुप्ता, डॉ रामरतन सिंह पटेल, कैप्टन राम सिंह, रामगोपाल, ओमपाल सिंह, एम एच कादरी, अखिलेश सिंह, वेदपाल सिंह, राम-लखन, असद अहमद, अभय माहेश्वरी, अखिलेश सोलंकी, आर्येन्द्र पाल सिंह, नारद सिंह, कृष्ण गोपाल, सतेन्द्र सिंह, महेश चंद्र, सुमित कुमार, विपिन कुमार सिंह, देवेन्द्र शाक्य, भानुप्रताप सिंह, भुवनेश कुमार, भूपेंद्र सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, सुभाष सिंह, वीरपाल, विजय पाल सिंह, शिवओम शन्खधार, अनिल, नीरेश आदि की सहभागिता रही।