सवाई माधोपुर रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। श्रम विभाग के शासन सचिव नीरज के. पवन ने श्रम उन्मूलन अभियान की शुरूआत विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये की। उन्होंने बताया कि बाल श्रम कानूनन अपराध है। बाल श्रमिक अधिनियम के अन्तर्गत बालश्रम पर रोकथाम हेतु सघन अभियान चलाया जा रहा है।
शासन सचिव ने बताया कि यदि किसी औद्योगिक प्रतिष्ठान या संस्था में गैर अनुमत कार्यों में बाल श्रमिकों को लगाया जाता है तो इसकी सूचना आमजन श्रम विभाग कों दे। सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
सहायक श्रम आयुक्त शिवचरण मीणा ने वीसी में बताया कि बाल श्रममुक्त राजस्थान अभियान के तहत जिले में होटल, ढाबों, चाय की स्टालों, ईट. भटटों, बस स्टैण्ड एवं समस्त व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की जॉंच एवं निरीक्षण कार्य किया जा रहा है। यदि कोई बाल श्रमिक कार्य करता पाया जाता है तो प्रतिष्ठान/नियोजक के खिलाफ सम्बन्धित थाने में मुकदमा दर्ज करवाने के साथ ही विभिन्न श्रम अधिनियमों के तहत कार्रवाई की जा रही है। यदि किसी को भी बाल श्रमिक की जानकारी मिलती है तो चाईल्ड हैल्पलाईन-1098 पर भी जानकारी दे सकते हैं। बाल श्रम करवाने पर दो साल की जेल तथा 50 हजार का जुर्माना भी हो सकता है।