सवाई माधोपुर/ मलारना डूंगर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा।रक्तदाता- जीवनदाता ग्रुप सवाई माधोपुर के तत्वाधान में जिले के मलारना डूंगर उपखण्ड मुख्यालय पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर रविवार को आयोजित किया जाएगा। ग्रुप की ओर से तीसवें रक्तदान शिविर का आयोजन मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे के बीच होगा। ग्रुप के दिव्यांग सदस्य एवं सामाजिक कार्यकर्ता कालूराम मीणा (जोलंदा) ने रक्तदान शिविर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रक्त को एकत्रित करने के लिए जिला अस्पताल की टीम ओर जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल की टीम संयुक्त रुप से शिविर में उपस्थित रहेंगी। इसी क्रम में विशिष्ट चिकित्सकों के द्वारा प्रत्येक डोनर की रक्तदान से पूर्व कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए सम्पूर्ण जांच भी की जाएगी उसके पश्चात ही डोनर रक्तदान कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को रक्तदान शिविर से पूर्व सेनेटाइज किया जाकर संक्रमण मुक्त किया जाएगा।शिविर को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। प्रशासनिक एडवाइजरी एवं सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए प्रत्येक डोनर को मास्क के साथ ही शिविर कक्ष में प्रवेश दिया जाएगा। ग्रुप के सभी सदस्य भी एडवाइजरी का पालन करते हुए अपने -अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। ग्रुप संचालक एम. पी .गम्भीरा का इस संबंध में कहना है , कि "रक्तदान ही महादान है" इसलिए युवाओं को रक्तदान के लिए बढ़चढ़ कर आगे आना चाहिए, और भारी मात्रा में रक्तदान कर सामाजिक सरोकार के तहत रक्त की कमी से जूझ रहे लोगों की हर संभव मदद करनी चाहिए। क्योंकि एक व्यक्ति के एक यूनिट रक्तदान की वजह से किसी दूसरे व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है , उसे जीवन दान दिया जा सकता है। ग्रुप के सदस्य अध्यापक विक्रम मीणा मलारना चौड़ ने बताया कि मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर आयोजित स्वैच्छिक रक्तदान शिविर में 150 यूनिट रक्त संग्रहण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शिविर में युवाओं के भारी मात्रा में भाग लेने की उम्मीद है। इससे पूर्व जीवन दाता- रक्त दाता ग्रुप द्वारा अब तक 29 स्वैच्छिक रक्तदान शिविरों का सफल आयोजन किया जा चुका है। वैश्विक महामारी कोरोना के बीच उपजे लोक डाउन में भी रक्तदाता जीवनदाता ग्रुप ने रक्त की कमी को देखते हुए सरकारी व गैर सरकारी अस्पतालों में स्थित ब्लड बैंकों में रक्तदान शिविरों के जरिए एवं व्यक्तिगत रक्तदान कार्यक्रम चलाकर रक्त की कमी नहीं आने दी है। अकेले लोक डाउन काल में ही तकरीबन एक दर्जन रक्तदान शिविर ग्रुप द्वारा आयोजित किए गए हैं, ताकि किसी प्रसूता या नवजात तथा गंभीर मरीजों की केवल रक्त की कमी के चलते जन हानी न हो।