बदायंू: गायत्री शक्तिपीठ एवं आध्यात्मिक चेतना केंद्र पर गायत्री जयंती, गंगा दशहरा और युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के महाप्रयाण दिवस पर गायत्री महायज्ञ और दीपयज्ञ हुए। गायत्री परिजनों ने विश्व समस्याओं के समाधान, सूक्ष्म जगत के परिशोधन के लिए गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र की विशेष आहुतियां समर्पित कीं।
गायत्री शक्तिपीठ पर सुरेंद्र नाथ शर्मा ने वेदमंत्रोंच्चारण कर यज्ञ संपन्न कराया। उन्होंने कहा कि गायत्री भारतीय संस्कृति और ज्ञान का मूल स्त्रोत है। रजनी मिश्रा मुख्य यजमान के रूप में रहीं। माया सक्सेना ने पूजन कराया। इस मौके पर परिब्राजक ब्रजकिशोर, मदनलाल झा आदि मौजूद रहे।
इधर शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में अम्बियापुर क्षेत्र के गांव दबिहारी में प्रज्ञामंडल के कैंप कार्यालय पर गायत्री महायज्ञ और दीपयज्ञ हुआ। मातृशक्तियों और देवकन्याओं ने मां गायत्री की आरती की।
निर्मल गंगा जन अभियान के संयोजक सुखपाल शर्मा ने कहा कि गौ, गंगा और गायत्री ही भारतीय संस्कृति की पोषक हैं। साधारण से मनुष्य को देवत्व प्रदान करती हैं।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि वेदमाता गायत्री ही ज्ञान गंगोत्री, आत्मबल की अधिष्ठात्री और संस्कृति की जननी है। गायत्री गुरुमंत्र और दिव्य ज्ञान का प्रकाश है। निःस्वार्थी और परमार्थी व्यक्ति भागीरथ प्रयासों से विश्वमाता के अनुदान वरदान पाता है। ईश्वर से साझेदारी करें, समाज को देवात्माओं से भरी हुई तीर्थ स्थली बनाएं। लाॅक डाउन से पर्यावरण की पावनता लौटी है। प्रकृति के अनुशासन को मानें, प्राणीजगत को जीवन दान दें।
भवेश शर्मा ने कहा कि जीवनदायिनी मां गंगा की अमृतधारा को सादानीरा बनाएं। मां गंगा लोक कल्याणकारी, पापों-कल्मषों की कालिमा धोकर निर्मल बनाती है। मां गंगा में बासी फूल, पूजा सामग्री और कूड़ा करकट डालकर उसके आंचल को गंदा न करें। कीटनाशक दवाओं, रासायनिक खादों के प्रयोग से बचें, गंदे नालों, नालियों के पानी को गंगा में प्रवाहित न करें। इस मौके पर मृत्यंुजय शर्मा, सोनू, देवेंद्र पाल, सुमन, दीप्ति, भूमि, खुशबू, हेमंत आदि मौजूद रहे।