जानिए,भगवान हैं या नही-के सी शर्मा



आजकल के इस आधुनिक युग में ज्यादातर लोग भगवान को नही मानते हैं।
 उनको लगता है कि भगवान नही हैं ।

 भगवान अवतार क्यूँ लेते हैं ?

 एक बार सम्राट अकबर ने बीरबल से पूछा:- कि हमारे धर्म में अल्लाह दुनिया में अच्छाई का सन्देश देने के लिए पीर आदि को भेजते हैं पर तुम्हारे धर्म में भगवान खुद तरह- तरह के अवतार लेकर आते हैं - जैसे- राम, कृष्णा आदि के रूप में आते हैं, ऐसा क्युं ? 
क्या तुम्हारे भगवान के कोई सन्देशवाहक नहीं हैं जो उनका सन्देश ला सकें ?

अकबर का ऐसा प्रशन सुनकर बीरबल मुस्कुराये और बोले कि जहाँपनाह आपके इस प्रशन का उत्तर में कल आपको साक्षात प्रयोग करके दूंगा ।

अगले दिन अकबर और बीरबल दोनों नौकाविहार करने के लिए गए तो बीच भंवर में बीरबल ने अचानक अकबर के पुत्र को नदी में फेंक दिया । 
अकबर ने ये देखा तो एकदम डर गए और पुत्र को बचाने के लिए बिना कुछ सोचे- समझे नदी में कूद पड़े और अपने पुत्र को डूबने से बचा लाये, जब किनारे पर पहुंचे तो ध्यान से देखने पर उनको एहसास हुआ कि ये तो उनका पुत्र है हि नही बल्कि मिटटी का एक पुतला है, ये देखकर अकबर बहुत ही क्रोधित हुए और बीरबल से बोले कि ये क्या मज़ाक है ? 
तो बीरबल ने हस्ते हुए जवाब दिया कि जहाँपनाह ये कोई मज़ाक नही बल्कि आपके कल के प्रशन का उत्तर है ।

जैसे आप अपने पुत्र को नदी में डूबता देखकर डर गए और सेना के होते हुए भी खुद ही अपने पुत्र को बचाने के लिए खुद ही कूद पड़े । 
ठीक इसी तरह जब हमारे भगवान अपने बच्चों को (हमको) इस संसार सागर में डूबता हुआ देखते हैं 
तो अपने किसी संदेशवाहक को ना भेजकर खुद ही तरह- तरह के अवतार लेकर आते हैं और अपने बच्चों को बचाते हैं ।
अपने प्रश्न का इतना अच्छा उत्तर सुनकर अकबर पूरी तरह संतुष्ट हो गए ।