सवाई माधोपुर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। लॉकडाउन के दौरान स्कूली बच्चों को दी जा रही ई-लर्निंग रोचक और ज्ञानवर्धक है,इसका लाभ सभी स्कूली बच्चों को मिलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए, यह बात
जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने अपने उद्बोधन में कहीं। पहाड़िया सोमवार को शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय निष्पादक समिति की बैठक में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। बैठक की अध्यक्षता करते हुये जिला कलेक्टर ने सम्बन्धित अधिकारियों को ई लर्निंग से संबंधित दिशा निर्देश भी जारी किए।
जिला कलेक्टर ने बताया कि सर्वे के हिसाब से 40 प्रतिशत बच्चे ही स्माइल कार्यक्रम से जुडे हुये हैं। इस कार्यक्रम में विद्यार्थी के पंजीकृत वाट्सएप पर प्रतिदिन सुबह 9 बजे तक शिक्षण सामग्री सेंड की जाती है। प्रत्येक स्कूल के 5 विद्यार्थियों से शिक्षक फीडबैक भी लेते हैं कि यह सामग्री कितनी रोचक और ज्ञानवर्धक लगी। जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये कि शेष 60 प्रतिशत विद्यार्थियों से शाला दर्पण पर पंजीकृत उनके नम्बरों पर सम्पर्क कर उनके परिजनों का वाट्सएप नम्बर लेने का प्रयास करें ताकि डिजिटल डिवाइड के कारण कोई विद्यार्थी पढाई में पीछे नहीं रहे।
जिला कलेक्टर ने बताया कि आकाशवाणी पर शिक्षा वाणी और दूरदर्शन पर शिक्षा दर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से भी पढाई करवायी जा रही है। विद्यालय प्रबंध समितियों और भामाशाहों के माध्यम से वाट्सएप से वंचित बच्चों को रेडियो दिलवाने का प्रयास करें। इसके लिये अभिभावकों से भी समझाइश करें। जिला कलेक्टर ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के विद्यार्थियों को सर्व शिक्षा अभियान या राज्य सरकार की अन्य योजना से रेडियो वितरण का प्रस्ताव भिजवाने के भी निर्देश दिये। जिला कलेक्टर ने राज्य स्तर के अतिरिक्त जिला स्तर पर भी रोचक शैक्ष्णिक वीडियो, मल्टी मीडिया ग्राफिक बनाने की सम्भावना पर भी विचार करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि आवासीय विद्यालयों में नामांकित विद्यार्थियों को भी इस योजना का लाभ दिया जाये।
*सोशल डिस्टेसिंग की पूर्ण पालना हो:-* बैठक में 18 जून से शुरू होने जा रही माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान की शेष परीक्षाओं के दौरान सोशल डिस्टेसिंग की पूर्ण पालना के निर्देश दिये। इसके लिये 24 अतिरिक्त परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं क्योंकि परीक्षार्थियों को दूर-दूर बैठाने के कारण पूर्व निर्धारित 100 केन्द्रों में जगह कम पड रही थी। जिला कलेक्टर ने जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तथा क्वारेंटाइन व्यवस्था प्रभारी सुरेश कुमार को निर्देश दिये कि इन परीक्षा केन्द्रों से क्वारेंटाइन सेंटरों को जल्द से जल्द अन्य स्थानों पर ट्रांसफर करें। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन केन्द्रों को सेनिटाइज करवाने के भी निर्देश दिये।
*गुणवत्ता से समझौता किया तो भारी पडेगा* :- जिले में नाबार्ड के माध्यम में 18 विद्यालयों में 9 करोड 60 लाख रूपये की लागत से अतिरिक्त कक्षा कक्ष व अन्य निर्माण कार्य चल रहे हैं। 4 अतिरिक्त विद्यालयों के लिये भूमि आवटंन की भी प्रक्रिया चल रही है। पीएबी योजना में भी 22 विद्यालयों में 5 करोड 77 लाख रूपये लागत के कार्य आदेश जारी किये गये हैं। जिला कलेक्टर ने इन निर्माण कार्यों में गुण्वत्ता का पूर्ण ध्यान रखने तथा लगातार सैम्पलिंग करवाने के निर्देश दिये। कार्य आदेश तथा टेंडर में जिस गुणवत्ता तथा ब्रांड का उल्लेख होगा, उसे किसी भी सूरत में परिवर्तित नहीं किया जाये। इसके लिये विद्यालय प्रबंधन समिति भी सहमत हो तो कोई फर्क नहीं पडेगा। जिला कलेक्टर ने इन निर्माण कार्याें की गुणवत्ता जॉंच के लिये सम्बन्धित उपखण्ड अधिकारियों को भी निर्देशित किया है।
*केजीबीवी में स्टाफ लगायें:-* जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये कि जिले में संचालित 6 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में खाली पडे पदों पर प्रतिनियुक्तियॉं शीघ्र की जायें ताकि आने वाले समय में पढाई बाधित न हो लेकिन एकल शिक्षक वाले विद्यालय से स्टाफ नहीं लगाया जाये । इन सभी विद्यालयों में 100-100 सीट हैं। बरनाला में 23, बौंली में 28, खानपुर बडौदा में 27, अलीगंज में 25, खण्डार में 28 और चकेरी में 31 बालिकाओं की सीट खाली है। इसके संबंध में प्रवेश प्रकिया चालू है। इसके लिये सम्बन्धित विद्यालय प्रभारी या ग्राम पंचायत शिक्षा अधिकारी को आवेदन किया जा सकता है। जिला कलेक्टर ने इस प्रवेश प्रक्रिया का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये ताकि पात्र और जरूरतमंद बालिकायें उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा से लाभांवित हो सके।
*रोजगारपरक शिक्षा पर है जोर:-* जिला कलेक्टर ने बताया कि कोरोना संकट ने रोजगारपरक शिक्षा की जरूरत को फिर महसूस करवा दिया है। बच्चों में इसका हुनर विकसित करने के लिये जिले के 34 विद्यालयों में व्यवसायिक शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इन 34 में से 19 में 2-2 लैब संचालित है। शेष 15 विद्यालयों में चालू सत्र में 5-5 लाख रूपये की लागत से लैब स्थापित की जायेगी।
*मिड- डे- मील का गेहूं तौल कर ही लें* :- जिला कलेक्टर ने निर्देश दिये कि मिड- डे- मील प्रभारी गेहूं तौल कर ही लें। इसके लिये सभी विद्यालयों में तौल मशीन की उपलब्धता हो। शिक्षा विभाग और प्रशासन के अधिकारी औचक जॉंच कर इस स्टॉक का तौल करवायेंगे तथा कम मिलने पर सम्बंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।
*पुस्तकों का उचित संधारण हो* :- राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल ने जिले के सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत बच्चों के लिये निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें भेजी हैं। बामनवास के लिये 66491, बौंली के लिये 80655, चौथ का बरवाडा के लिये 68965, गंगापुर के लिये 133302, खण्डार के लिये 73733 तथा सवाईमाधोपुर के लिये 89738 पाठ्य पुस्तकें प्राप्त हुई हैं। जिला कलेक्टर ने इनका उचित संधारण करने के निर्देश दिये ताकि विद्यालय खुलने तक ये गीली न हो, फटे नहीं या चूहे न खा जायें।
बैठक में डीईओ (माध्यमिक) रामखिलाड़ी बैरवा, डीईओ (प्रारम्भिक) राधेश्याम मीना, एडीपीसी नाथूलाल खटीक, सहायक निदेशक रमेश चन्द मीना, एपीसी चन्द्रशेखर शर्मा, सवाईमाधोपुर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी दिनेश चन्द गुप्ता, खण्डार ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मिथलेश शर्मा, चौथ का बरवाडा आरपी ओमप्रकाश मीणा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।