उझानी: अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में चल रहे प्रखर बाल संस्कारशाला के कैंप कार्यालय पर योगासन प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। बच्चों ने योगासन लगाकर सभी को अचंभित कर दिया।
गायत्री परिवार के संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि ऋषि-मुनियों के श्रेष्ठ चिंतन से उभरा हुआ व्यापक ज्ञान योग है। जो हमें अमूल्य धरोहर के रूप में मिला है। जिसमें स्वस्थ शरीर, स्वच्छ मन और सभ्य समाज का निर्माण होता है। योग समग्र स्वास्थ्य का साधन है।
स्काउट के उप सचिव नंदराम शाक्य ने कहा कि योग प्राण शक्ति एवं सामथ्र्य का प्रतीक और निरोगी काया बनाने का मूल मंत्र है। स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए अनुशासित और व्यवस्थित रहने के साथ प्रकृति के अनुरूप आचरण करना चाहिए। विश्व की सम्पूर्ण शक्ति मनुष्य के शरीर में विराजमान है।
बच्चों ने योगाभ्यास में पवनमुक्तासन, ताड़ासन, पाद हस्तासन, वज्रासन, उष्ट्रासन, अर्द्ध ताड़ासन, शशांकासन, तिर्यक भुजंगासन, उत्कटासन के साथ योग मुद्राऐं, पूरक, रेचक, कुम्भक, नाड़ी शोधन प्राणायाम आदि का शानदार प्रदर्शन किया। दीप्ति ने सर्वाधिक आसन लगाकर प्रथम, खुशबू ने द्वितीय और भूमि शर्मा ने तृतीय स्थान पाया। इस मौके पर सौम्या, रीना, आरती, दीप्ति, हेमंत, खुशबू, भूमि, मृत्युंजय शर्मा आदि मौजूद रहे।