सवाई माधोपुर@ रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। चम्बल नदी में छलांग लगाने वाली दुल्हन अंजू का शव सोमवार को आखिरकार घटना के दूसरे दिन मिल ही गया।
इससे पूर्व शव चंबल में करीब 33 घंटे फंसा रहा। भरतपुर से आई एडीआरएफ की टीम ने करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद नवविवाहिता का शव नदी से निकाला।
SDRF टीम इंचार्ज हरिप्रसाद शर्मा ने बताया कि शव पालीब्रिज के नीचे चंबल में करीब 50 फीट की गहराई में मिला, जिसको बिलाई की सहायता से सोमवार को नदी की गहराई से निकाला गया।
इधर, रातभर जागने के कारण दूल्हा दीपक नींद में था। पालीब्रिज पर गाड़ी रुकने के तुरंत बाद विवाहिता जैसे ही रेलिंग की ओर भागी तो वाहन चालक को संदेह हुआ। इस पर उसने तुरंत दीपक को जगाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अंजू चम्बल में छलांग लगा चुकी थी। विवाहिता के पिता रामप्रसाद को तो अपनी बेटी खोने का गम है, वहीं दूल्हे के पिता जगदीश सैनी व माता रामसिया देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। दीपक की मां रामसिया अपनी नई नवेली बहू के जाने के बाद बेटी-बेटी कहकर चिल्ला चिल्लाकर रो रही थी। बात करने पर दीपक भी कुछ कह नहीं पा रहा है। घटना को लेकर वह हैरान है। वहीं परिजनों का दावा है कि अंजू की शादी उसकी मर्जी से की गई थी और वो काफी खुश थी। घटना रविवार की है, राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्य की सीमा पर स्थित पाली ब्रिज पर रविवार सुबह एक दुल्हन अंजू ने विदाई के बाद ससुराल पहुंचने से पहले ही चंबल नदी में छलांग लगा ली थी।। इस दौरान लड़की के ससुराल और पीहर वाले भी मौके पर पहुंचे। सभी उसके मिलने के इंतजार में नदी के किनारे ही बैठे रहे। इस दौरान दूल्हा भी बस नदी की ओर ही टकटकी लगाए देखता रहा।
मौके पर पहुंची एसडीआरएफ टीम ने चंबल में ब्रिज के आसपास लापता की तलाश की, लेकिन सफलता नही मिली। इस दौरान पाली ब्रिज के नीचे काफी लोगों का जमावड़ा लग गया था। ज्ञातव्य है कि,शनिवार रात दोनों की शादी सवाई माधोपुर जिले के अल्लापुर गांव में हुई थी।
उल्टी आने की बात कहकर दुल्हन द्वारा गाड़ी रुकवाई गई थी।
पुलिस के अनुसार, अल्लापुर गांव निवासी रामप्रसाद सैनी की पुत्री अंजू सैनी का विवाह शनिवार को ही संपन्न हुआ था। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले से बारात अल्लापुर गांव में आई थी। सभी रस्मों को निभाते हुए शादी की गई। उसके बाद रविवार सुबह दुल्हन के माता-पिता पिता एवं अन्य रिश्तेदारों ने दुल्हन को खुशी-खुशी खुशी विदा भी कर दिया था। उसके बाद दुल्हन ने राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित पाली ब्रिज पर पहुंचते ही बोलेरो चालक से कहा कि उसे उल्टी आ रही है।
चालक ने खिड़की से ही उल्टी करने के लिए कह दिया। गाड़ी नहीं रोकी। दुल्हन फिर से कहा कि उसे तेज उल्टी आ रही है, इसलिए वह गाड़ी को रोक दें। उसने चालक का हाथ पकड़ लिया जिससे चालक का संतुलन बिगड़ने लगा। संतुलन बिगड़ता देख चालक ने गाड़ी रोक दी। दूल्हा एवं अन्य परिजन कुछ समझ पाते उसके पहले ही दुल्हन ने गाड़ी से उतरकर रेलिंग से छलांग लगा दी। प्रत्यक्षदर्शी चालक हकीम ने बताया कि नदी में छलांग लगाने के बाद थोड़ी देर पानी में डूबने के बाद वापस पानी के ऊपर आकर छटपटाने लगी, लेकिन उनमें से कोई भी तैरना नहीं जानता था। ऐसे में दुल्हन की सहायता नहीं कर सके।
"पाली ब्रिज से चंबल नदी में कूदने वाली दुल्हन को ढूंढने के लिए सिविल डिफेंस, मध्यप्रदेश पुलिस और राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल अभयारण्य की टीमों द्वारा सर्च अभियान चलाया गया।"