समाजसेवा का जज्बा केसी शर्मा की कलम से



हकीकत का आईंना के सी शर्मा की रिपोर्ट
कभी कभी कुछ लोग ऐसा काम कर देते है की दिल जबरदस्ती हाथो को कलम उठाने पर मजबूर कर देता है ।

नीचे जो तस्वीर आप देख रहे ये तस्वीर ना ही किसी नेता की है ना ही किसी अभिनेता की और ना ही किसी उद्योगपति की
ये तस्वीर है एक सच्चे इंसान की जिसने इस लॉक डाउन के पीरियड में ये साबित कर दिया की सेवा के लिए धन से अधिक नियत को आवश्यकता होती है
संक्षिप्त रूप से परिचय इस प्रकार है इनका नाम है पंडित रामनरेश शर्मा मूल रूप से बागपत जिले के रहने वाले है लेकिन फिलहाल परिवार के साथ गाज़ियाबाद में रहकर गुजर बसर करतें है व्यवसाय के नाम पर एक छोटी सी किराना की दूकान है और एक मकान जिसे किराये पर उठा रखा है पंडित जी ने
जबसे लॉक डाउन का सिलसिला चला है पंडित जी ने अपनी किराना की दूकान के दरवाजे जनसेवा में खोल दिये है खरीद मूल्य पर ही बिक्री करतें है किसी भी वस्तु पर कोई अन्यथा लाभ नहीं लेते बल्कि जिस दौर में बाकी बड़े किराना व्यवसायी लूटम लूट मचाये बैठे है ऐसे में पंडित जी अपनी दूकान पर अपने ग्राहको को भरपूर उधार सामान दें रहे है बिना किसी शर्त के
इसके साथ साथ इन्होने अपना जो मकान किराये पर उठा रखा है उसमे लगभग चार परिवार रहते है जहां बाकी मकान मालिक जबरन किराया वसूल रहे है वही पंडित जी उसके उल्ट किराया वसूलना तो दूर की बात बल्कि उन परिवारों का भरण पोषण भी अपने निजी खर्च से कर रहे है साथ में 24 घंटे हर प्रकार की मदद को खड़े रहते है
और लोक डाउन में ये एक और ऐसा काम कर रहे जिसकी वजह से ये क्षेत्र में चर्चा का विषय बने हुये है लॉक डाउन के पीरियड में जब भी पुलिस इनकी गली से गस्त करती है तब तब ये उसका स्वागत फूल बरसाकर करते है उन्हें रोक कर उनका सम्मान करते है ये सिलसिला पिछले एक डेढ़ महीने से चल रहा है लेखों किसी अखबार किसी मीडिया कर्मी ने इनके विषय में लिखना जरूरी नहीं समझा अंततः मजबूर होकर मुझे ही लिखना पड़ा
जो लोग समाज को जात धर्म के पलड़े में तौलते है उन्हें पंडित जी से सीख लेनी चाहिए एक कर्मकांडी ब्राह्मण अपने धर्म का पालन आपातकाल की स्थित में बगैर किसी स्वार्थ के कर रहा है समाज की भी जिम्मेदारी बनती है की ऐसे लोगो को अपने अपने माध्यम से सम्मानित करतें है वरना जिस दौर में धर्म का व्यापर होता है वहां धर्म से व्यापर कौन करता है