सवाई माधोपुर/बौंली @रिपोर्ट चन्द्रशेखर शर्मा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जारी लोकडाउन के चतुर्थ में कुछ शर्तों के साथ दुकानों को खोलने की सरकार ने अनुमति जरूर प्रदान की है, लेकिन जिले के ज्यादातर गांवों व कस्बों में लोगों की भीड़ इस कदर बढ़ रही है कि, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। मलारना डूंगर व बौंली उपखंड मुख्यालय सहित शनिवार को मित्रपुरा कस्बे में भी ग्राहकों की खासी भीड़ उमड़ी एवं दुकानदारों ने लॉकडाउन के सभी नियमों को ताक रख कर अपना कारोबार किया। बाजार की सभी गलियों में बिना सोशल डिस्टेंसिग के ही खरीदारी करने में लोग मशगूल दिखाई दिए। अधिकतर दुकानें निश्चित समयावधि के बाद भी खुली रही। मुख्य रूप से चाय, पान, कपड़े, कोल्डड्रिंक, ज्यूस,एवं नाश्ते की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ कुछ आवश्यकता से ज्यादा नजर आई । कई दुकानदारों ने सोशल डिस्टेंसिंग के डर एवं कानूनी कार्रवाई के भय से आधे शटर गिराकर अवैध तरीके से दुकानों को खोलकर अपना कामकाज निपटाया। साथ ही मिष्ठान भंडार वाले भी होम डिलीवरी की जगह दुकानों पर अल्पाहार एंड मिठाई लोगों को सर्व करते हुए नजर आए, जो की कोरोना संक्रमण के खतरे को सीधा,- सीधा बुलावा था।
गौरतलब है, की कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच मित्रपुरा कस्बे में खरीदारी के लिए लोग इतनी बड़ी संख्या में एक साथ उमड़ पड़े कि इन सबने सोशल डिस्टेंसिंग मानदंडों की धज्जियां उड़ा दी। तस्वीरें देखने से कहीं से भी नहीं लग रहा है कि यह लॉकडाउन के दौरान की तस्वीर है। लोग ऐसे बाजार में दिख रहे हैं जैसे आम दिनों में खरीदारी करने को उमड़ते हों।
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि मार्केट में कितनी भीड़ जुटी हुई है। लोग एक-दूसरे के काफी करीब-करीब खड़े हैं। बंद के बाद भी गाड़ियों की आवाजाही देखने को मिल रही है। हालांकि, सरकार ने राशन-पानी और सब्जियों की खरीदारी में थोड़ी छूट दी है, मगर फिर भी उसमें भी सोशल डिस्टेंस की पालन करने को कहा गया है। मगर यहां नजारा इसके ठीक उलट है। बाजार में भीड़ को देकर कर ऐसा लग रहा था की कोरोना जैसी महामारी बीमारी लोगों को एक मजाक लग रही हो। और सबसे बड़ी बात तो यह है की सरकार की एडवाइजरी के हिसाब से कोई भी दुकानदार मास्क व सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए दिखाई नहीं दिया ।