बदायूं-- पंचशील सिद्धांत के स्थापित करने वाले भगवान बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जनपद के विभिन्न जगहों पर बड़ी धूमधाम के साथ बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई नगर बिल्सी में डॉक्टर बीपी मौर्या के निवास पर भगवान बुद्ध चित्र के समक्ष धूप दीप जलाकर पुष्प अर्पित कर प्रार्थना की कि संकट को दूर कर भारत को पुनः सशक्त और स्वस्थ बनाए भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व राजा शुद्धोधन के घर हुआ था माता का नाम महामाया देवी पिता का नाम राजा शुद्धोधन था इनका लालन-पालन इनकी मौसी प्रजापति गौतमी ने किया बचपन से ही आध्यात्मिक विचारधारा को मानने वाले युवराज सिद्धार्थ उस आनंद की ओर निकल पड़े जिसे वे वास्तव में प्राप्त करना चाहते थे महाराणा प्रताप विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष हर प्रताप सिंह राठौर के निवास पर बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई राठौर ने कहा की सिद्धार्थ को जब ज्ञान प्राप्त हुआ तब उनको एक नया नाम मिला जो महात्मा बुद्ध के नाम से जाने ,जाने लगे मन वाणी कर्म और शरीर से किसी को हानि ना पहुंचाने और बिना किसी के दिए हुए किसी वस्तु को प्राप्त करना अहिंसा परमो धर्म भाईचारा कुसंगति ओं से दूर रहकर सामाजिक समरसता और आध्यात्मिक जीवन जीना ही जैसे उद्देश्यों को देने वाले उनके द्वारा कहे हुए एक-एक शब्द को इंसान को अपने जीवन में धारण करना चाहिए 45 वर्षों तक भारत के विभिन्न स्थानों पर भ्रमण कर समाज देश जो उन्होंने दिया उसे हम आज भुला नहीं सकते सारनाथ में प्रथम उपदेश महात्मा बुद्ध ने दिया वर्षों कठोर साधना के पश्चात् बोधगया बिहार में बोधि वृक्ष के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ वही रिसौली जितेंद्र शाक्य ने भगवान बुद्ध के चित्र पर पुष्प अर्पित कर प्रार्थना की कि हम सभी को सद्बुद्धि दे और इस संकट से सभी को निजात दिलाएं