मलारना डूंगर में नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म, आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
सवाई माधोपुर/ मलारना डूंगर@ रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र में एक वहशी दरिंदे द्वारा नाबालिग किशोरी के साथ दुष्कर्म करने की घटना सामने आई है। आश्चर्य जनक पहलू तो यह है कि, एक युवक ने बेखौफ होकर दिनदहाड़े 16 वर्षीय नाबालिग किशोरी को पहले घर से उठाया और फिर सड़क के किनारे सुनसान जगह में बने एक कमरे ले जाकर उसके साथ बलात्कार की घटना को अंजाम दिया। वहशी युवक की इस करतूत के बारे में कुछ देर में स्थानीय ग्रामीणों को भनक लग गई, जिसके चलते ग्रामीणों द्वारा उक्त घटना की सूचना पीड़िता के परिजनों एवं मलारना डूंगर थाना पुलिस को दी गई। घिनौनी हरकत की सूचना पाकर मलारना डूंगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। बाद में पुलिस द्वारा नाबालिग किशोरी का मेडिकल मुआयना करवाया गया है।साथ ही आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में भी मामला दर्ज किया गया है। दुष्कर्म की घटना दौनायचा व पीलवा गांवों से जुड़ी हुई बताई गई है। पुलिस द्वारा अभी तक दुष्कर्मी युवक के बारे में स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। लोक डाउन के चलते दिनदहाड़े उपखंड मुख्यालय के निकटवर्ती क्षेत्र में घटित दुष्कर्म की इस घटना ने जहां पुलिस की मुस्तैदी वाली छवि को झटका पहुंचाया है,वहीं कांग्रेस-नीत राज्य सरकार के राज में समाज कंटको ओर दुष्कर्म पीड़ितों के बढ़ते हौंसलों की भी तस्वीर पेश की है । गौरतलब है कि अभी समीपवर्ती टोंक जिले में मालपुरा के बाछेड़ा तथा देवली के बंथली गांव से जुड़े सामूहिक दुष्कर्म व दुष्कर्म के बाद नाबालिक बालिका की हत्या के मामले प्रकाश में है ,और पुलिस और प्रशासन के लिए सिरदर्द बने हुए है। इसी बीच सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर क्षेत्र में में घटी दुष्कर्म की यह घटना भी मानव समाज को शर्मसार कर देने वाली है। उक्त दोनों घटनाओं को लेकर शुक्रवार को ही टोंक- सवाई माधोपुर सांसद द्वारा मालपुरा विधायक व भाजपाइयों के साथ टोंक जिले के मालपुरा व देवली में धरना देकर उपखंड अधिकारियों को ज्ञापन प्रस्तुत किया जाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी। जिसमें पीड़ितों को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता व उनके परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने तथा दरिंदों को फांसी देने जैसी मांग मुख्य है। इसके अलावा दोनों मामलों में चिकित्सक व पुलिसकर्मी जिनके द्वारा पीड़िता और पीड़ित परिवार के सदस्यों के साथ किए गए अभद्र व्यवहार को लेकर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की मांग भी शामिल है। गुर्जर समाज के बढ़ते दबाव के बीच मालपुरा प्रशासन द्वारा नरमी बरतते हुए संबंधित चिकित्सक को तो एपीओ कर दिया गया है, लेकिन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई है। फिर भी वहीं अब दोनो मामलों को लेकर पुलिस व प्रशासन द्वारा सही दिशा में काम किया जा रहा है। चूंकि की प्रशासन द्वारा 10- 15 दिन की मोहलत मांगी गई है। जिसे सांसद, विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों व गुर्जर समाज के लोगों ने मान लिया है। अगर इस अवधि में मामले को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं निकलता है तो सांसद द्वारा जहां पुनः धरना दिया जाएगा वही गुर्जर समाज भी आंदोलन का रुख अख्तियार करेगा। सांसद जौनपुरिया के दौरे से 1 दिन पूर्व प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री सहायता कोष से पीड़िता को ढाई लाख रुपए की राशि का चेक उपलब्ध करावाया गया है। यहां पर भी पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वह बिना राजनीतिक दबाव के दुष्कर्म मामले में उचित कार्रवाई अमल में लावे,और दोषी को सजा मिले।