हरियाणा के सोनीपत जिले में प्रशाशन और गरीबी से त्रस्त होकर एक बैट्री रिक्शा चालक उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना जारी कर दिया है मिली जानकारी के अनुसार सोनीपत के एक बैटरी रिक्शा चालक सचिन ने बताया कि 23 मार्च को वह अपने रिक्शा से एक बिमार व्यक्ति को मुरथल राय हस्पताल में छोडकर गया था जिसे छोड़कर वह घर वापिस आ रहा था कि मुरथल रोडवेज पर मुझे सामने से आ रही एक गाड़ी ने ओवरटेक कर रोक लिया जिसमे दो पुलिस वालों समेत कई और लोग भी थे मेरे पास आते ही वह मुझ पर भड़क गए और गाड़ी जप्त कर ली और मेरी रिक्शा रोजवेज ट्रेनिंग सैन्टर मे खडी करवा कर चले गए मैं एक बजे से पांच बजे तक वही खडा रहा जिससे सम्बंधित मुझे कोई कुछ भी बताने को तैयार नही था फिर मेरे फोन पर आये एक मैसेज से पता चला मेरी रिक्शा को इम्पांउड करके 5500 रूपये का चालान कर दिया गया है इसके बाद दुःखी मन से मैं घर वापस आ गया
24 मार्च से लॉकडाउंन के कारण दो महीने तक चालान नही भरा जा सका और इस बीच मैं मुरथल रोडवेद ट्रेनिंग सैन्टर गया तो देखा मेरे रिक्शा से लगभग 7500 रूपये का सामान गायब मिला मेरे पूछने पर वहां पर तैनात कर्मचारियों ने मुझसे गालीगलौच की तथा कहा जल्दी चालान भर कर रिक्शा छुडवा लो वर्ना प्रति दिन 120 रूपये के हिसाब से पैसे बढते जा रहे है अब तक लगभग 7500 रूपये तो अब तक पार्किंग चार्ज लग चुका है। सचिन ने बताया मैं बहुत गरीब आदमी हूं मैने इंम्पाउड होने से एक महीना पहले ही बैंक से लोन लेकर नया रिक्शा खरीदा था और अब लॉकडाउन के कारण रोटी का इन्तजाम भी मुश्किल हो रहा है तो बीस बाईस हजार रूपये भरने के लिए कहां से लाऊंगा।
आगे सचिन ने बताया कि इस सारे मामले को लेकर वह पिछले सात दिन से आरटीओ, उपायुक्त, तथा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काटने के बावजूद कोई कार्यवाही नही हुई जिससे हाताश व मजबूत होकर उपायुक्त कार्यालय पर अपनी पत्नी के साथ धरने पर बैठा हूं जब तक मेरी समस्या का समाधान नहीं होता मैं धरने पर बैठा रहुंगा