प्रसन्न हो हर कामना पूरी करते हैं शनिदेव।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार न्याय के देवता माने जाने वाले सूर्य पुत्र शनिदेव की कृपा दृष्टि जिस किसी के उपर भी पड़ जाती है उसके जीवन का भाग्योदय शुरू होने से कोई नहीं रोक सकता है। शनि देव केवल उन्हीं लोगों से प्रसन्न होते हैं, जो न्याय के मार्ग पर चलते हैं। अगर आप चाहते हैं कि शनिदेव की शुभ दृष्टि हमेशा आप पर बनी रहे तो ये उपाय जरूर करें।
पाना है बजरंग बली की भरपूर कृपा तो शनिवार को घर पर ही करना न भूले ये काम
1- अगर किसी को शनि देव की कृपा नहीं मिल रही है तो काले घोड़े की नाल या नाव की कील से अंगूठी बनाकर अपनी मध्यमा उंगली में शनिवार के दिन सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त बीच कभी भी ऊँ शनिदेवाय नमः मंत्र का 108 बार जप करके पहन लें।
2- हर शनिवार को काले तिल के साथ आटा और शक्कर मिलाकर उसे चींटियों के खाने के लिये डालें।
3- शनि दोषों से मुक्ती पाने के लिये उनके इन नामों का 108 बार जप करें। नाम इस प्रकार है- कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाश्रय।
4- शनिवार के दिन काले तिल, काला कपड़ा, कंबल, लोहे के बर्तन, उदड़ की दाल का दान करें। इससे शनि देव खुश होकर शुभ फल देते हैं।
5- शनिवार के दिन बंदरों को गुड़ और चने खिलाएं एवं श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से शनि दोषों का सामना नहीं करना पड़ता।
6- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करें अैर उन्हें नीले रंग के फूल अर्पित करें।
7- शनिवार के दिन इस शनि मंत्र ।। ऊँ शं शनैश्चराय नमः ।। का रुद्राक्ष की माला से 108 बार जप करने से शनिदेव की कृपा हमेशा बनी रहती है।
8- अगर कुंडली के अनुसार शनि आपको परेशान कर रहा है तो लगातार 40 दिनों तक शनिदेव के मंत्रों का जप एवं श्री शनि चालीसा का पाठ सुबह शाम करने से सभी तरह के शनि दोषों से मुक्ति मिलने लगती है।
हनुमान जी और शनिदेव का शनिवार विशेष दिन :-
धार्मिक मान्यता है कि शनिवार को हनुमानजी की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती से होने वाली समस्याओं से पूरी तरह से राहत मिलती हैं। राम भक्त बजरंगबली की शनिवार को पूजा से शनि के हर प्रकार के प्रकोप पर काबू हो जाता है। हनुमान जी की पूजा से सूर्य-मंगल के अवाला शनि की शत्रुता और योगों के कारण आई समस्याओं से भी राहत मिलती हैं। शनिवार का दिन दोनों ही भगवान का प्रिय दिन माना जाता है। इस दिन शनिदेव और हनुमान जी की आराधना होती हैं। कई शनि मंदिरों में हनुमान जी भी शनिदेव के पास ही विराजमान होते हैं। दरअसल कई भक्त शनिदेव की पूजा के साथ हनुमान जी की भी पूजा करते हैं।
जब शनिदेव को हनुमान जी ने आजादी दिलाई :-
रामायण युग के समय हनुमान जी, सीता माता को खोजते हुए लंका पहुंच गए थे, तब वहां एक कारागार में शनिदेव को उल्टा लटके हुए मिले। पवनपुत्र ने जब शनि से उल्टा लटके होने का कारण जाना तो बताया कि रावण ने अपने योग बल से उन समेत कई ग्रहों को कैद कर लिया। यह बात जानकर हनुमान जी ने शनि को रावण की जेल से आजादी दिलाई थी। इससे प्रसन्न होकर शनिदेव ने हनुमान जी से वरदान मांगने को कहा। हनुमान जी ने वरदान में एक वचन मांग लिया था। शनि को कलियुग में हनुमान भक्तों को अशुभ फल नहीं देना होगा। बजरंगबली ने शनि के कष्टों को दूर करके उनकी रक्षा की थी इसलिए शनि ने यह वचन दे दिया था कि कोई भी व्यक्ति शनिवार को हनुमान की पूजा करेगा उसे वे कोप भाजन नहीं बनायेंगे। रामायण काल से शनिदेव की कृपा हनुमान जी के भक्तों पर बनी रहती हैं।