जाने कैसे करे, कुकम्बर या खीरा की आधुनिक खेती-के सी शर्मा
*मृदा*
कुकम्बर की खेती के लिए रेतीली (बलुई) दोमट ,जीवांश कार्बन युक्त होना चाहिए।
मृदा का Ph 6.5 से 7.5 उपयुक्त माना जाता है।
बुवाई का समय
गर्मी - जनवरी से मार्च
बरसात- जून से जुलाई
दूरी
गर्मी की फसल के लिए
गर्मी में लाइन से लाइन की दूरी 1.5 मीटर तथा पौध से पौध की दूरी 75 सेंटीमीटर होना चाहिए।
वर्षा की फसल के लिए
लाइन से लाइन दूरी 1.5 मीटर तथा पौध से पौध की दूरी 1 मीटर होना चाहिए।
*प्रजाति-!* जापानीजलोंगग्रीन,स्ट्रेटेटऐट,फैजाबादी, कल्याणपुर, ग्रीनपाइनसेट आदि।
*बीजोपचार!*
ट्राइकोडर्माविरेडी 4 ग्राम/ किग्रा या सिडोमोनस फ्लोरशेन्स 10 ग्राम/ किग्रा या कार्बेंडाजिम 2 ग्राम/ किग्रा में से किसी एक का प्रयोग हमको बीज बोने से पहले करना चाहिए।
*सिंचाई!*
बीज बोने से पहले हमको एक सिंचाई करना चाहिए उसके बाद सप्ताह में एक बार जरूर सिंचाई करना चाहिए।
*उर्वरक!*
आखिरी जुताई के बाद 200 से 300 कुंटल सड़ी गोबर की खाद अवश्य डालना चाहिए साथ ही 40 से 50 किग्रा नाइट्रोजन 70 किग्रा पोटाश,60 किग्रा फास्फोरस डालना चाहिए।
नोट -मृदा परीक्षण के आधार पर यूरिया,DAP की मात्रा खेत में डालना चाहिए।
*फसल सुरक्षा!*
फल मक्खी खीरा की फसल को सबसे ज्यादा हानि पहुंचाती है इसके निदान के लिए-नीम का तेल @ 3.0% का छिड़काव करना चाहिए।
*उपज!*
8-10 टन /हेक्टेयर ,80 से 90 दिन के बाद सलाद के उद्देश्य से।