मध्य प्रदेश के मजदूरों की हुई घर वापसी, शिवपुरी जिले के 65 मजदूर मध्य प्रदेश परिवहन की 4 बसों से अपने गंतव्य की ओर हुए रवाना



    सवाई माधोपुर/मलारना डूंगर@रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में लोक डाउन के चलते शरण लिए हुए तकरीबन 65 मजदूरों को शनिवार को उनके अपने राज्य मध्यप्रदेश के लिए रवाना कर दिया गया। समाजसेवी व स्थानीय राजनेताओं के प्रयासों से सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया और मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला कलेक्टर के मध्य हुई बातचीत के पश्चात उक्त मामले ने गति पकड़ी और मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के कोहली तहसीलदार सत्येंद्र सिंह गुर्जर मजदूरों के लिए 4 बसें लेकर सवाई माधोपुर जिले के मलारना डूंगर उपखंड मुख्यालय पहुंचे। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में मध्य प्रदेश  चिकित्सा विभाग की टीम एवं सवाई माधोपुर शिक्षा विभाग की टीम के समन्वित प्रयासों से सभी 65 मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई, उक्त प्रक्रिया के बाद सभी मजदूरों को बस में बैठाया गया। मलारना डूंगर उपखंड अधिकारी मनोज वर्मा ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 28 दिनों से उपखंड मुख्यालय सहित मलारना स्टेशन और बड़ागांव कहार में मध्य प्रदेश के कुल 65 मजदूर फंसे हुए थे, जिनको शनिवार को मध्य प्रदेश शासन के सुपुर्द किया गया। मध्यप्रदेश के कोहरी तहसीलदार सत्येंद्र सिंह गुर्जर ने इस विषय में बात करते हुए कहा कि सवाई माधोपुर जिले में मध्य प्रदेश राज्य के कुल 411 मजदूर फंसे हुए थे, सभी मजदूरों को मध्य प्रदेश परिवहन की बसों से अपने-अपने घर भिजवाये जाने की कार्यवाही की जा रही है। गौरतलब है कि लोक डाउन के दौरान सीमाएं सील कर दिए जाने के कारण एवं कोरोना महामारी के संक्रमण के प्रसार के डर से एक जिले से दूसरे जिले में तथा एक राज्य से दूसरे राज्य में आने-जाने पर पाबंदी  लगा दी गई थी। आवागमन के संसाधन भी लगभग बंद हो चुके थे। ऐसी स्थिति में जिला व उपखंड प्रशासन द्वारा पैदल चलकर मध्यप्रदेश के शिवपुरी की ओर जाने वाले दर्जनों मजदूरों को रोक लिया गया और अधिकांश को मलारना डूंगर तथा कुछ को मलारना स्टेशन एवं कुछ को बड़ा गांव क हार में शिफ्ट कर दिया गया। शरणागत लोगों की खाने-पीने से लेकर आवास की व्यवस्था मलारना डूंगर के राजकीय विद्यालय में की गई थी। पिछले दिवस ही इन मजदूरों द्वारा खाने- पीने एवं रहने की अव्यवस्थाओं को लेकर गहरा रोष जाहिर किया था। जिसके चलते समाजसेवियों द्वारा पुनः इनकी सही ढंग से खाने-पीने की व्यवस्था की , तब जाकर मामला शांत हुआ। सवाई माधोपुर जिले में कोरोना संक्रमित लोग मिलने के पश्चात ही मलारना डूंगर वासी भी इन मजदूरों को अपने-अपने घर भेजने के पक्ष में थे। सवाई माधोपुर जिला कलेक्टर  द्वारा जब अन्य जगहों से रास्ते में फंसे या शरण लिए हुए लोगों को मध्यप्रदेश भिजवाया जा रहा था तब मलारना डूंगर के समाजसेवी व जनप्रतिनिधियों ने इन लोगों की पीड़ा भी प्रशासन को बताई। और उनकी घर वापसी के लिए प्रयास शुरू कर जिला प्रशासन के माध्यम से संपूर्ण कार्रवाई को अंजाम दिया गया। अपनी घर वापसी को लेकर आज सभी मजदूरों के चेहरे खिले हुए थे, और हल्की मुस्कान भी बिखरी हुई थी। इस अवसर पर सभी मजदूरों द्वारा ग्राम पंचायत सरपंच जाहिद खान सहित मलारना डूंगर के भामाशाह व समाजसेवियों, जनप्रतिनिधियों व अन्य एनजीओ के कार्यकर्ताओं का आभार जताया गया।