केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ने की अपील की



सुनील मिश्रा नयी दिल्ली :
श्री रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय मंत्री,  इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, भारत सरकार ने 28 अप्रैल 2020 को राज्यों के आईटी मंत्रियों के साथ विडिओ कॉन्फरेंसिंग से बैठक की। यह बैठक हरियाणा और सिक्किम के मुख्यमंत्रियों, बिहार, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्रियों जो कि अपने राज्य में आईटी विभाग के भी प्रभार में हैं, के द्वारा शोभित रहा.  आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, असम, ओडिशा, गोवा, नागालैंड, मिज़ोरम, और मेघालय राज्यों के आईटी मंत्रियों ने भी भाग लिया। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व राज्य आईटी सचिवों द्वारा किया गया। इसमें इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय, डाक विभाग और दूरसंचार विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया.

इस के एक भाग के रूप में, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय और उसके संस्थाओं ने  MyGov और सोशल मीडिया चैनलों एवं इन चैनलों पर उपलब्ध चैटबॉट के माध्यमों से कोविड -19 पर आरोग्य सेतु ऐप, इनोवेशन चैलेंज, जागरूकता और संचार के साथ राष्ट्रव्यापी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा, ई-ऑफिस, पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम, ग्रामीण इलाकों में कॉमन सर्विसेज सेंटर की सेवाएं, सी-डैक का ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन आदि प्रस्तुत किया ।
डाक विभाग सचिव ने बताया कि 1.56 लाख डाकघर जुड़े हुए हैं और इसने 38,000 करोड़ रुपये मूल्य की  2.5 करोड़ डाकघर बचत बैंक लेनदेन सुविधा प्रदान की है। इस कठिन समय में इसने 43 लाख डाक और 250 टन आवश्यक दवाओं और कोविड- किट भी वितरित किए हैं ।
दूरसंचार विभाग सचिव (DoT)  ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान गुणवत्ता के साथ और निर्बाध रूप से दूरसंचार सेवाओं के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।  नए लॉन्च किए गए कोविड क्वारेंटाइन अलर्ट सिस्टम (CQAS) और सावधान सिस्टम को भी बताया गया। कोविड 19 समस्या के समाही में नागरिक केंद्रित सुविधाओं को प्रदान करने में इंडिया पोस्ट, कॉमन सर्विसेस सेंटर, दूरसंचार विभाग और आईटी मंत्रालय के द्वारा किये गए कार्यों को सभी राज्यों ने सराहा!
इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी राज्य मंत्री, श्री संजय धोत्रे ने टिप्पणी की कि इंटरनेट की कनेक्टिविटी और गुणवत्ता ग्रामीण क्षेत्रों के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गई है और, केंद्र, राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र के बीच एक विश्वसनीय साझेदारी में ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं में सुधार करने की आवश्यकता है. समापन के समय, उन्होंने निम्नलिखित की घोषणा की::
केंद्र सरकार वर्क फ्रॉम होम ’के मानदंडों में छूट के लिए डीओटी की समय सीमा 30 अप्रैल से 31 जुलाई 2020 तक बढ़ाएगी.
उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि एक मजबूत दूरसंचार नेटवर्क के विकास को बढ़ावा  देने में मुद्दों का सही दिशा में जांच करें।
राज्यों में से एक के दिए सुझाव पर कार्रवाई करते हुए, उन्होंने निर्देश दिया कि सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से एकत्रित कोविड-19 संबंधित सभी बेस्ट प्रैक्टिसेज पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय को  एक पोर्टल बनाये।
उन्होंने एक राज्य के आईटी मिनिस्टर द्वारा एक रणनीति समूह  के गठन का सुझाव भी स्वीकार किया जो कोविड 19 के बाद में इंडियन आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर के रोडमैप पर काम करेगी।
उन्होंने 5 लाख डिजिटल गांवों जो डिजिटल शिक्षा, डिजिटल स्वास्थ्य, डिजिटल भुगतान आदि जैसी सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर हों, इनको वास्तविक करने के लिए अपना विजन व्यक्त किया। मंत्री ने अनाउंस किया कि ऐसा ही फीचर फ़ोन यूजर के लिए भी बनाया जा रहा है और जल्द ही लांच किया जाएगा।
भारत के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स मैनुफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक अच्छा अवसर है और राज्यों को निवेशों को आकर्षित करने पर कार्य करने के लिए भी कहा . उन्होंने तीन योजनाएँ बताया, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव 2.0, इलेक्ट्रोनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर्स और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स (स्पेसस) के निर्माण प्रोत्साहन के लिए एक 50,000 करोड़ रुपये परिव्यय वाले प्रोजेक्ट को भारत सरकार  के द्वारा नोटिफाई किया गया है.

उन्होंने राज्यों से  एकजुट होकर डिजिटल और भौतिक रूप से काम करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य स्तर के संसाधनों को कोविड-19 के खिलाफ लड़ने की अपील की