आउटसोर्सिंग कंपनियां लोगो की जान से कर रही खिलवाड़
इन्हें नही है कोरोना वायरस का डर
*प्रधानमंत्री के आदेश की उड़ा रही है धज्जियां प्रसाशन बना मूकदर्शक*
एक ओर जहाँ पुरा भारत देश के साथ साथ पुरा विश्व कोरोना वायरस जैसी महामारी से लड़ रहा है अपने देश के लोगो की जान बचाने मे हर तरह से प्रयास कर रहा है वही एनसीएल मे आउटसोर्सिंग का कार्य कर रही कंपनियां अपने फायदे के लिए ऐसे लोगो के जान के साथ खिलवाड़ कर रही जैसे इनको इस महामारी के बारे मे कुछ पता ही ना हो।एक ओर जहाँ देश के प्रधानमंत्री ने नरेन्द्र मोदी ने पुरे देश मे एक साथ लॉकडाउन का आदेश दिया है और अपने घर मे रहने को कहा है कि जिससे लोगो को इस महामारी से दुर रखा जाए।लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनियां बीजीआर,वीपीआर, डीबीएल, आदि कई कंपनियां जो एक शिफ्ट बस मे 50 से 60 आदमी बैठाकर ले जा रही हैऔर अपना कार्य करवा रही।जबकि इनको ए भी नही मालूम कि कम से कम एक मीटर की दुरी होनी चाहिए।
*कंपनी वालो पर प्रशासन मेहरबान*
एनसीएल मे कार्य कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियों पर सिंगरौली प्रशासन मेहरबान है, क्योंकि एक ओर जहां आम आदमी के साथ सख्ती एवं कड़ाई बरती जा रही है वही इन कंपनियों पर प्रशासन मौन बना है जैसे कुछ दिखाई ही न देता हो।
*फायदे के चक्कर मे हो सकता है बड़ा हादसा*
आउटसोर्सिंग कंपनियां अपने फायदे के लिए लगातार अपना कार्य करवा रही मजदूर भी इसी कारणवश ड्यूटी पर जाने को मजबूर हो जाते है अगर यही हॉल रहा तो कोरोना वायरस जैसी महामारी को सिंगरौली मे फैलते देर नही लगेगा।
मजदूरों के परिवार वालो ने प्रशासन से गुहार लगायी है कि जल्द से जल्द आउटसोर्सिंग कंपनियों को बंद कर लॉक डाउन किया जाये।
*प्रशासन के आदेश का नही कर रही पालन*
सिंगरौली जिले की एनसीएल मे आउटसोर्सिंग का कार्य कर रही कंपनियों को आदेश है कि सीमित आदमियों मे ही खदान चलाये पर इनको प्रशासन के आदेश की कोई परवाह नही है, लोगो की जान से खिलवाड़ कर रही है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन कंपनियों के अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को कहा जाता है कि की अगर कार्य पर नही आये तो पैसा तो नही मिलेगा साथ ही ड्यूटी भी बन्द कर दी जाएगी।लगभग प्रतिदिन 1000 लोगो बुलाकर कार्य करवा रही है।