कोंच(जालौन)- बागेश्वरी साहित्य परिषद के द्वारा चन्द्रकुआ स्थित द्वारिका धीश मन्दिर पर एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। कवि गोष्ठी में कविता पाठ करते हुए कवि भाष्कर सिंह माणिक ने कहा कि मन मन्दिर में तुलसी जैसे भाव सँजोकर देखो तो तुम रीति नीति के पद पर पाव बड़ाकर देखो तो कवि नन्द राम सोनी भावुक ने कहा कि हिन्दू भी बन रहे मुसलमान बन रहे खुदा के बन्दे दरिंदे और हैवान बन रहे कवि प्रेम नदीम ने कविता पाठ करते हुए कहा कि तख्तियां घोलकर पी जाता हूं दर्द दिल खोल कर पी जाता हूं कवि सन्तोष तिवारी सरल ने कहा कि नफरत दीवार बना सकती है नाव मजधार में आ सकती है छोड़ तकराल रहो मिल जुलकर होली फिर प्यार जगा सकती है दिनेश मानव ने अपने कविता पड़ते हुये कहा क्या बताये कि उम्र कैसे पकगयी इस कदर कवि गोष्ठी में चन्द्र शेखर नगाइच ओमकार पाठक सन्तोष राठौर,कृष्ण स्वरूप गौरव सोनी अमर सिंह यादब आदि ने भी अपनी कविताये पड़ी।
रिपोर्ट
इंजी० असद अहमद
छोटा वाला पत्रकार ऋषि झा
बाबूराम पाल सौरभ झा