कोरोना को मात देते हुए परम्परा की हुई जीत।
ब्यावर राजस्थान में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी होली के अगले दिन बादशाह सवारी निकाली गई।
पिछले 170 वर्ष से बादशाह सवारी निकाली जा रही है। मुगल बादशाह अकबर दवारा टोडरमल को एक दिन का बादशाह बनाए जाने पर बीरबल खुशी से नाच उठा था उसी के उपलक्ष्य में यह सवारी निकाली जाती है ट्रक में सवार बादशाह प्रजा में गुलाल रूपी खजाना लुटाता है और बीरबल खुशी से ढोल कर नृत्य करता है। अग्रवाल समाज द्वारा आयोजित इस मेले में बादशाह सवारी खेजडा का भैरूजी से शुरू होकर उपखण्ड अधिकारी के कार्यालय पहुंचती है जहां बादशाह और उपखण्ड अधिकारी गुलाल खेलते हैं परंतु इस वर्ष कोरोना के कारण उपखण्ड अधिकारी ने मेले की अनुमति नहीं दी अतः बिना अनुमति बादशाह की सवारी निकाली गयी और सवारी उपखंड कार्यालय न पहुंचकर अग्रसेन भवन पहुंची जहां जनप्रतिनिधियों के बीच गुलाल खेला गया।
इस बार बादशाह बनने का अवसर रोशन सिंहल व वजीर श्यामसुंदर गर्ग को बनने का मौका मिला जबकि बीरबल विजय दाधीच बने।