पीएम मोदी का आदेश 21 दिनों तक लॉक डाउन रहेगा पूरा देश जनता कर्फ़्यू



जनता कर्फ़्यू* के आह्वान पर देश में सन्नाटे का जो माहौल नजर आया,वह अब तक के किसी भी राजनीतिक भारत बंद से एकदम हट के रहा।लोगो ने स्वतः स्फूर्त सारा दिन घरो में रह कर ऐसा इतिहास रच दिया, जिसकी हमेशा मिशाल दी जाएगी।बाजार नही खुले सड़के वीरान रही। जनता कर्फ्यू को व्यापक समर्थन एकता में अनेकता के गुण की भी एक  मिशाल है।जिसको लेकर बरसों पहले कहा गया था कि "कुछ बात है कि हस्ती मिटती नही हमारी"।जनता ने अपनी तरफ से कर्फ्यू लगाकर और उसका मुकम्मल पालन कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई को समर्थन ही नहीं दिया ,यह भी जता दिया कि स्वस्थ्य देश के लिये उसे कुछ दिन कष्ट झेलने से परहेज नहीं है।इस समर्थन से केंद्र और राज्यों की सरकारों का मनोबल बढ़ेगा,जो इस महामारी से पार पाने की मुहिम में जुटी है।जनता के घरो में रहने से महामारी के प्रसार पर कितना अंकुश लगाता है,यह तो आने वाला कल ही बताएगा।लेकिन जिस रफ्तार से इसके मामले सामने आ रहे है।उससे चिंता बढ़ी है।बेक़ाबू होती महामारी को देखते हुये प्रधानमंत्री ने आज रात 8:बजे देश को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना जैसे संक्रामक महामारी  को रोकने के लिये हमारे पास अब कोई विकल्प नहीं बचा एक ही रास्ता बचा है कि कोई भी अपने घरों से ना निकले,स्थिति को देखते हुए प्रधानमंत्री ने आज  रात 12:बजे से कर्फ्यू की सख्ती को और बढ़ा दी है तथा 21दिन तक के लिए पूरे देश में लॉक डाउन कर दी गई है।जाहिर है, कुछ और दिन लोगों को भीड़भाड़ से बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है।वैसे भी भारत ने कोरोना के मामले उजागर होने के शुरुआती दिनों से ही सतर्कता बढ़ा दी थी और अब युद्धस्तर पर इसका मुकाबला किया जा रहा है।गनीमत यह है कि इटली,ईरान और कई दूसरे देशों की तरह भारत में यह महामारी फिलहाल सामुदायिक स्तर पर नही फैली है।जो मामले सामने आ रहे हैं,वह अलग अलग राज्यों के अलग अलग शहर कस्बों में है।भारती आयुर्विज्ञान शोध परिषद के मुताबिक, सामुदायिक स्तर पर  कोरोना फैलने के कोई संकेत नहीं मिले हैं,यह उन सरकारी एजेंसियों की बड़ी उपलब्धि है, जो रात दिन महामारी के खिलाफ एहतियाती  कार्रवाई करने में जुटी हुई है।

        दिनेश पाण्डेय(पत्रकार)