किशनगढ़। वर्तमान में शिक्षा का विशेष महत्व है और शिक्षा ही जीवन का आधार है। यह बात अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ( प्रथम) एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल मोहनलाल ढाका ने कहीं। ढाका मंगलवार को खातौली मोड़ स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में आयोजित ब्लॉक स्तरीय शैक्षिक किशोरी मेले में समारोह के अध्यक्ष के रुप में उपस्थित संभागीयों के बीच बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि बालिका शिक्षा समय की मांग है, इसलिए बालिका शिक्षा को उत्तरोत्तर बढ़ावा मिलना चाहिए। ताकि समाज और देश की उन्नति हो।समग्र शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खतौली में शैक्षिक किशोरी मेले का आयोजन मंगलवार को समारोह पूर्वक हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक किशनगढ़ गीता चौधरी थी। जबकि समारोह की अध्यक्षता एसीबीईओ (प्रथम) मोहनलाल ढाका ने की। खतौली सरपंच हरिराम बाना, बुहारू सरपंच रामनारायण जाट, हरमाड़ा सरपंच प्रतिनिधि भागचंद चंद चोट्या, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक पंकज अग्रवाल, पीईईओ खतौली प्रदीप कुमार शर्मा, केजीबीवी एसएमसी अध्यक्ष बोदू राम चौहान, समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंचासीन थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस उप अधीक्षक गीता चौधरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और कहां शिक्षा से ही अपना और अपनों का विकास संभव है। जीवन में आर्थिक उन्नति जरूरी है, इसलिए सभी को विशेषकर बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरुक होना चाहिए । पीईईओ प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालयों में इस तरह के बाल मेले छात्र- छात्राओं के मानसिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ ज्ञानवर्धन एवं मनोरंजन में भी सहायक हैं।केजीबीवी संस्था प्रधान रजनीश फरसावत ने बताया कि शैक्षिक किशोरी मेले में तकरीबन 500 बालक बालिकाएं शामिल हुए। जिनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं मेला परिसर में लगी स्टालों का संचालन किया गया। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि ब्लॉक स्तरीय शैक्षिक किशोरी मेले में शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों को दर्शाती हुई विभिन्न स्टालें सजाई गई। जो मेले में उपस्थित सैकड़ों बालक बालिकाओं के लिए शैक्षिक ज्ञानार्जन एवं मनोरंजन हेतु आकर्षण का का केंद्र रही। मेले में विभिन्न मानसिक एवं रचनात्मक खेलों के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय की बालिकाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मेले में शामिल सभी अतिथियों द्वारा मेला प्रांगण में सजाई गई विभिन्न स्टालों, रचनात्मक खेलों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का अवलोकन कर छात्राओं के हुनर को परखा गया। विशेष तौर पर मेले में मन की बात के गुल्लक में चिठ्ठीयां डालना, आंखों पर पट्टी बांधकर बोतलों के बीच से गुजरना, सिर पर टोकरी बांधकर गेंद उछाल कर डालना आदि स्पर्धाएं मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। इसके अतिरिक्त आगे कौन- पीछे कौन, बस एक शब्द (हिंदी), मेरी इकाई बताओ, मेरा मूल्य जानो, टुकड़ों का गणित, पैसे संभालूं कैसे (गणित), दिखते हैं क्या एक जैसे, एक झलक (अंग्रेजी), मैं हूं कौन?, फसलों को जाने (सा ० विज्ञान) सूरज का कुनबा,सूघों पहचानों, जल ध्वनि और वायु प्रदूषण, (विज्ञान) आदि शैक्षणिक विषयों को लेकर भी स्टालें सजाई गई। इस अवसर पर संदर्भ व्यक्ति अशोक यादव, प्रेमचंद शर्मा, पवन कुमार शर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, दक्ष प्रशिक्षक आनंदी लाल शर्मा, विजय सिंह, शिविर सहयोगी के रूप में भावना कंवर, सिया राम चौधरी, आलोक शर्मा, भोला राम जाट, अध्यापिका निशा, नीलू, मुमताज , नसीम, विजयलक्ष्मी, मीना, माया, लीला आदि भी उपस्थित थे।
वर्तमान में शिक्षा का विशेष महत्व है और शिक्षा ही जीवन का आधार है।
किशनगढ़। वर्तमान में शिक्षा का विशेष महत्व है और शिक्षा ही जीवन का आधार है। यह बात अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ( प्रथम) एवं ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल मोहनलाल ढाका ने कहीं। ढाका मंगलवार को खातौली मोड़ स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में आयोजित ब्लॉक स्तरीय शैक्षिक किशोरी मेले में समारोह के अध्यक्ष के रुप में उपस्थित संभागीयों के बीच बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि बालिका शिक्षा समय की मांग है, इसलिए बालिका शिक्षा को उत्तरोत्तर बढ़ावा मिलना चाहिए। ताकि समाज और देश की उन्नति हो।समग्र शिक्षा अभियान के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय खतौली में शैक्षिक किशोरी मेले का आयोजन मंगलवार को समारोह पूर्वक हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक किशनगढ़ गीता चौधरी थी। जबकि समारोह की अध्यक्षता एसीबीईओ (प्रथम) मोहनलाल ढाका ने की। खतौली सरपंच हरिराम बाना, बुहारू सरपंच रामनारायण जाट, हरमाड़ा सरपंच प्रतिनिधि भागचंद चंद चोट्या, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के सहायक प्रबंधक पंकज अग्रवाल, पीईईओ खतौली प्रदीप कुमार शर्मा, केजीबीवी एसएमसी अध्यक्ष बोदू राम चौहान, समारोह में विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंचासीन थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस उप अधीक्षक गीता चौधरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया और कहां शिक्षा से ही अपना और अपनों का विकास संभव है। जीवन में आर्थिक उन्नति जरूरी है, इसलिए सभी को विशेषकर बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरुक होना चाहिए । पीईईओ प्रदीप कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालयों में इस तरह के बाल मेले छात्र- छात्राओं के मानसिक विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ ज्ञानवर्धन एवं मनोरंजन में भी सहायक हैं।केजीबीवी संस्था प्रधान रजनीश फरसावत ने बताया कि शैक्षिक किशोरी मेले में तकरीबन 500 बालक बालिकाएं शामिल हुए। जिनके द्वारा विभिन्न गतिविधियों सांस्कृतिक कार्यक्रमों एवं मेला परिसर में लगी स्टालों का संचालन किया गया। कार्यक्रम प्रभारी एवं संदर्भ व्यक्ति ओम प्रकाश शर्मा ने बताया कि ब्लॉक स्तरीय शैक्षिक किशोरी मेले में शैक्षणिक एवं सह शैक्षणिक गतिविधियों को दर्शाती हुई विभिन्न स्टालें सजाई गई। जो मेले में उपस्थित सैकड़ों बालक बालिकाओं के लिए शैक्षिक ज्ञानार्जन एवं मनोरंजन हेतु आकर्षण का का केंद्र रही। मेले में विभिन्न मानसिक एवं रचनात्मक खेलों के साथ साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय की बालिकाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। मेले में शामिल सभी अतिथियों द्वारा मेला प्रांगण में सजाई गई विभिन्न स्टालों, रचनात्मक खेलों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का अवलोकन कर छात्राओं के हुनर को परखा गया। विशेष तौर पर मेले में मन की बात के गुल्लक में चिठ्ठीयां डालना, आंखों पर पट्टी बांधकर बोतलों के बीच से गुजरना, सिर पर टोकरी बांधकर गेंद उछाल कर डालना आदि स्पर्धाएं मुख्य आकर्षण का केंद्र रही। इसके अतिरिक्त आगे कौन- पीछे कौन, बस एक शब्द (हिंदी), मेरी इकाई बताओ, मेरा मूल्य जानो, टुकड़ों का गणित, पैसे संभालूं कैसे (गणित), दिखते हैं क्या एक जैसे, एक झलक (अंग्रेजी), मैं हूं कौन?, फसलों को जाने (सा ० विज्ञान) सूरज का कुनबा,सूघों पहचानों, जल ध्वनि और वायु प्रदूषण, (विज्ञान) आदि शैक्षणिक विषयों को लेकर भी स्टालें सजाई गई। इस अवसर पर संदर्भ व्यक्ति अशोक यादव, प्रेमचंद शर्मा, पवन कुमार शर्मा, चंद्रशेखर शर्मा, दक्ष प्रशिक्षक आनंदी लाल शर्मा, विजय सिंह, शिविर सहयोगी के रूप में भावना कंवर, सिया राम चौधरी, आलोक शर्मा, भोला राम जाट, अध्यापिका निशा, नीलू, मुमताज , नसीम, विजयलक्ष्मी, मीना, माया, लीला आदि भी उपस्थित थे।