रिपोर्टर चंद्रशेखर शर्मा गंगापुरसिटी उपखंड मुख्यालय स्थित सैनिक नगर में आयोजित पंचकल्याणक महोत्सव शनिवार को जिनेन्द्र भगवान की प्रतिष्ठित प्रतिमाओं के वेदी पर विराजित होने के साथ ही संपन्न हो गया। प्रख्यात जैन मुनि श्रद्धानंद व पवित्रानंद महाराज के संग प्रतिष्ठाचार्य राजेश राज जैन ने मंत्रोच्चारों के बीच मूल नायक पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा को नए मंदिर की वेदी पर स्थापित किया।
जिनेन्द्र भगवान के मंदिर में आने पर आयोजन स्थल जयकारों व णमोकार मंत्र की ध्वनियां से गूंज उठा। इस मौके पर मंदिर में कलशारोहण व ध्वजारोहण भी हुआ। पंचकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष महावीर जैन साह ने बताया कि अंतिम दिन आदिनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। मंच पर अस्थायी सम्मेद शिखर पर्वत से भगवान मोक्ष गए। सौद्धर्म इन्द्र बने विराग जैन, कुबेर इन्द्र डॉ. मनोज जैन, ईशान इन्द्र आलोक जैन, माहेन्द्र अभिनव व इन्द्राणी रिन्कूं, सनत कुमार इन्द्र बने मनोज जैन, महायज्ञ नायक महेन्द्र जैन आदि ने संयुक्त रूप से भगवान की प्रतिमा श्रावकों को सौंपी। इस मौके पर दिगम्बर जैन मुनि श्रद्धानंद महाराज ने कहा कि श्रावकों को चाहिए कि नित्य नूतन जिनालय में दर्शन करने का संकल्प लें। पूजन, अभिषेक करें। उन्होंने महापात्र शिखरचंद जैन व अंगूरी देवी को शहर में नवीन मंदिर स्थापित करने के सौभाग्य की सराहना करते हुए कहा कि सकल दिगम्बर जैन समाज की पहल प्रशंसनीय है। समस्त शहर को जोड़कर धर्म की प्रभावना से निश्चित रूप से समूचे गंगापुरसिटी में सर्वानंद होंगे। इस मौके पर दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष सुभाष पाण्ड्या ने आयोजन में सहयोगी गंगापुरसिटी की सहयोगी संस्थाओं, स्वागत टीमों का आभार जताया। कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर को सकल दिगम्बर जैन समाज के अध्यक्ष सुभाष पांड्या, महामंत्री नरेन्द्र गंगवाल, पीसी जैन, अरहिंत बोहरा, डॉ. एमपी जैन आदि ने अभिनंदन किया। गुर्जर ने मुनि संघ को श्रीफल भेंट किया। आयोजन समिति की ओर से जयपुर, सवाईमाधोपुर से आए श्रावकों को स्थानीय सहयोगी संस्था सदस्यों आदि को भी सम्मानित किया गया।कार्यक्रम में अरहिंत बोहरा, के.के. जैन, जगदीश जैन, विकास जैन आदि सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। संचालन समिति प्रवक्ता नरेन्द्र नृपत्या ने किया।
*रथ में सवार होकर आए निकले जिनेन्द्र भगवान*
पंचकल्याणक समापन पर प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को जैन समाज की ओर से धार्मिक जुलूस के रूप में बैण्डबाजों के साथ पाडांल से नए मंदिर व नसिया मंदिर के लिए प्रतिष्ठित मुनिसुव्रत नाथ भगवान की प्रतिमा को नसियां मंदिर तक लेकर गए। जैन समाज के श्रावक-श्राविकाएं मुनि संघ के साथ पार्श्वनाथ मंदिर से दौना पत्तल वाली गली स्थित जैन मंदिर गए।जहां नये प्रतिष्ठित अजित नाथ,पार्श्वनाथ वह शान्ति नाथ भगवान के प्रथमअभिषेक नरेंद्र जैन नृपत्या ने व शान्ति धारा अरिहंत अंशुलबोसरा ने की । नरेंद्र नृपत्या ने सपरिवार भगवान की आरती की।
नए मंदिर में पार्श्वनाथ भगवान के प्रथम कलश अभिषेक साह परिवार ने किया। शांतिधारा मुनि संघ ने कराई। कार्यक्रम के बाद मुनि संघ ने शाम को जयपुर की ओर विहार किया।
*सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बाधा समां*
पंचकल्याणक महोत्सव में बीती रात धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बच्चों ने एक से बढ़ एक प्रस्तुति दी। मोनिका जैन के निर्देशन में हुए कार्यक्रम में स्थानीय बच्चों ने जैन धर्म, आगम व अनुशासन पर प्रस्तुतियां दी। उषा सेठी की ओर से निर्देशित जैन पाठशाला का मंचन किया गया। नृत्यों के माध्यम से बच्चों ने बुर्जुगों, माता पिता के सम्मान का संदेश दिया। करीब तीन घण्टे चले कार्यक्रम ने दर्शकों को भक्ति भावना से सरोबार कर दिया।