उत्तर प्रदेश के सोनभद्र शक्तिनगर के
ग्राम कोटा बस्ती जवाहर नगर थाना शक्तिनगर जनपद सोनभद्र में जैसे ही लोगों को उनके बिजली के बिल मिले तो उनके होश उड़ गए है। इसका कारण यह था कि इसके पहले आने वाले बिजली के बिलों से तीन से चार गुना अधिक राशि के बिल उन्हें हाथ से लिखित रूप में मिले हैं। हद तो तब हो गयी जब कई का मीटर लाखों में पहुंच गया इसे लेकर उपभोक्ताओं में गहरा असंतोष है जिसे बिजली कंपनी के अधिकारी अनदेखा करके वसूली व कनेक्शन काटने में जुटे हैं।कई उपभोक्ताओं ने बताया जा रहा है आज तक कभी मीटर लगाए नहीं और बिजली बिल वसूली के लिए आ रहे हैं। हर माह में आए बिजली के बिलों ने वैसे भी जमकर करंट मारा है। जिनके बिजली के बिल आम महीनों में चार से पांच सौ रुपए आया करते थे, इस बार उनके बिल 1500 से 2000 रुपए के बीच आए हैं। कई उपभोक्ताओं को तो हजारों व लाखों रुपए के बिजली बिल भेजे गए हैें। इन बिलों ने उपभोक्ताओं की नींद उड़ा दी है। इस परेशानी को लेकर पूरे गांव में हड़कंप मचा है। जिसके मारे आम गरीब आदमी बिजली के बिल से अच्छे खासे परेशान हैं। बिजली विभाग में कोई सुनने वाला नहीं है। ऐसे में कोई भी अप्रिय घटना कभी भी घट सकती है। बिजली उपभोक्ताओं का कहना है कि मीटर खराब होने के बाद भी बिल भेजे जा रहे हैं। न मीटर सुधार कि या गया है न कोई सुनवाई हो रही है, बिल बराबर बढ़ा-चढ़ाकर दिए जा रहे हैं। कोटा बस्ती जवाहर नगर के ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि उसके यहां लगा मीटर काफी समय से खराब है इसे बदलने के लिए उसने कंपनी में आवेदन भी लगाया है,और कितने लोगो का कनेक्शन पेपर तो मिल गया है लेकिन मीटर नहीं लगा है , यहा तक की किसी- किसी का एक के बजाय दो कनेक्शन हो गया है।और कितने लोगो का मीटर लगा ही नहीं है और बिल पर बिल आते जा रहा है।
उपभोक्ताओं की मानें तो इस बार मिले बिजली के बिलों को औसत बिजली का बिल की बजाय वास्तविक बिल दर्शाकर इसमें मीटर रीडिंग भी दी गई है। उपभोक्ता हैरान हैं कि ठंडी में उनके द्वारा आखिर कितने
कूलर, पंखे चला लिए गए हैं कि बिजली का बिल तीन गुना के आसपास आया है।
डोर लॉक दिखाकर मीटर रीडिंग करने वाले चढ़ा दे रहे मनमाना रीडिंग
*मीटर रीडिंग लेकर बिल कम कराने उपभोक्ता लगा रहे कार्यालय के चक्कर*
एक तरफ विद्युत विभाग सप्लाई बेहतर करने का दावा कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ उपभोक्ता को औसत बिल भेज कर परेसान किया जा रहा है। घर-घर जाकर विद्युत मीटर की रीडिंग लेने की जगह ठेका कर्मचारी औसत यानी घरों में खपत होने वाली बिजली से ज्यादा बिल थमाकर चले जा रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को राज्य सरकार की बिजली बिल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य भर में मीटर रीडिंग लेकर बिल उपभोक्ता को बिल देने की जिम्मेदारी ठेका कंपनी को दी गई है। ठेका कंपनी ने इसके लिए अलग-अलग क्षेत्र के लिए कर्मचारी नियुक्त किए हैं। इन कर्मचारियों की ड्यूटी है कि वह घर-घर जाकर उपभोक्ता के सामने मीटर की रीडिंग ले और उसके बाद जो बिजली बिल आता है उसे मशीन से निकालकर उपभोक्ता को दे। ठेका कर्मचारी अपने इस कार्य लापरवाही बरत रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। ठेका कर्मचारी कम समय में अधिक मीटर्स की रीडिंग करने के लिए बिना उपभोक्ता को बुलाए रीडिंग लेता है और बिल दरवाजे के नीचे डालकर चला जा रहा है। इसमें मकान के बाहर लगे मीटर की रीडिंग तो ठीक हो जा रही है, लेकिन जिनके विद्युत मीटर मकान के अंदर लगे हैं, उन्हें औसत बिजली बिल दे दिया जाता है।
*वहीं अवर अभियंता राजीव वर्मा द्वारा बताया जा रहा है कि मेरे द्वारा कई बार लिखित रूप से भी दिया गया है। रीडिंग लेकर बिल उपभोक्ता को बिल देने की जिम्मेदारी ठेका कंपनी को दी गई है। ठेका कंपनी ने इसके लिए अलग-अलग क्षेत्र के लिए कर्मचारी नियुक्त किए हैं। इन कर्मचारियों की ड्यूटी है कि वह घर-घर जाकर उपभोक्ता के सामने मीटर की रीडिंग ले और उसके बाद जो बिजली बिल आता है उसे मशीन से निकालकर उपभोक्ता को दे। ठेका कर्मचारी अपने इस कार्य लापरवाही बरत रहे हैं। इससे उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है।
लाखों का बिल मिलने से ग्राम कोटा बस्ती जवाहर नगर थाना शक्तिनगर जिला सोनभद्र की जनता परेशान