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राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय फलौदा ( तिलोनिया) में बुधवार को ब्लॉक स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह व वार्षिकोत्सव कार्यक्रम बड़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ आयोजित किया गया । पूर्व छात्र मिलन (सखा संगम )कार्यक्रम भी समारोह का ही एक हिस्सा था। ब्लॉक स्तरीय भामाशाह सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि उपखंड अधिकारी देवेंद्र कुमार यादव (आईएएस) थे, कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी राजेंद्र कुमार शर्मा ने की। जबकि तिलोनिया ग्राम पंचायत सरपंच नंदलाल भादू ,अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ( प्रथम) मोहनलाल ढाका, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक पंकज अग्रवाल, समाज सेवी गिरधर अमरवानी, एस डब्ल्यू आर सी के भगवत नंदन सेवदा , समाजसेवी बालकिशन मूंदड़ा, सहित तकरीबन दो दर्जन भामाशाह व समाजसेवी मंचासीन विशिष्ट अतिथि थे। संस्था प्रधान जगमाल गुर्जर ने बताया कि मंचस्थ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। ब्लाक स्तरीय सम्मान समारोह में स्थानीय विद्यालय सहित आसपास के अन्य विद्यालयों में आर्थिक एवं भौतिक रूप से सहयोग देने वाले तकरीबन 10 अति विशिष्ट भामाशाहों एवं 23 विशिष्ट भामाशाहों का सम्मान किया गया। मुख्य अतिथि एसडीएम यादव एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष सीबीईओ शर्मा द्वारा समस्त भामाशाहों, पूर्व विद्यार्थियों को डिजिटल प्रमाण पत्र एवं प्रतीक चिन्ह देखकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एसडीएम देवेंद्र कुमार यादव ने कहा की हमारी भारतीय संस्कृति में सदा से ही दान का विशेष महत्व रहा है। दान लेना या देना हमारे यहां कोई नई बात नहीं है। क्योंकि दान लेने व देने का प्रचलन हमारे यहां प्राचीन काल से ही चला आ रहा है। महाराणा प्रताप व भामाशाह के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए उपखंड अधिकारी ने बताया कि भामाशाह के पास सब कुछ था लेकिन उनके पास उसे देने की बलवती इच्छा भी थी। इसलिए उन्होंने मातृभूमि और धर्म के रक्षार्थ अपनी संपूर्ण धन- दौलत महाराणा प्रताप को भेंट कर दी। इसलिए दान के साथ साथ देने की इच्छा भी प्रबल होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दिया गया दान किसी महादान से कम नहीं हैं। क्योंकि वह हमारी नई पीढ़ी के भविष्य को संवारने के साथ-साथ उसकी दशा व दिशा तय करेगा । उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि वे भी बचपन में किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा दान में दी गई किताबों के माध्यम से पढ़े लिखे और आगे बढ़े हैं। मेरी मां दूसरे के द्वारा दी गई किताबों से मुझे पढ़ाया करती थी। मेरे पढ़ने के बाद फिर हम भी उन किताबों को दूसरों को दान स्वरूप भैंट कर दिया करते थे। । सीबीईओ शर्मा ने कहा कि बिना शिक्षा के व्यक्ति का सर्वांगीण विकास असंभव है,इसलिए समुदाय के लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक रहकर लड़के - लड़कियों में भेदभाव किए बिना उन्हें शिक्षा प्राप्ति के सुअवसर प्रदान किये जाने चाहिए। अतिरिक्त मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी मोहनलाल ढाका ने भी ग्रामीण जनों से विद्यालय विकास में पूर्ण सहयोग देने एवं विद्यालय में नामांकन बढ़ोतरी हेतु लोगों को बखूबी प्रेरित किया। तिलोनिया ग्राम पंचायत सरपंच नंद लाल भादू ने भी गांव एवं विद्यालय के विकास में हर संभव सहयोग एवं मदद का भरोसा दिलाया। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। जिसमें स्थानीय एवं अन्य विद्यालय के प्रतिभावान विद्यार्थियों ने एक से बढ़कर एक रंगारंग प्रस्तुतियां दी । कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों तथा अन्य लोगों हेतु भोजन व्यवस्था भी स्थानीय भामाशाहों द्वारा सम्मिलित रूप से की गई। तिलोनिया सेंटर द्वारा विद्यालय में सौलर ऊर्जा प्लांट लगाने और नवरंग इलेक्ट्रॉनिक्स किशनगढ़ द्वारा फलौदा विद्यालय को कंप्यूटर भैंट करने की महत्वपूर्ण घोषणा भी की गई। समारोह के समापन पर प्रधानाध्यापक जगमाल गुर्जर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ,भामाशाहों एवं पूर्व विद्यार्थियों का आभार व्यक्त किया गया । मंच संचालन की जिम्मेदारी व्याख्याता अशोक शर्मा एवं अध्यापक संजय डबरिया द्वारा संयुक्त रूप से निभाई गई । इस अवसर पर संदर्भ व्यक्ति ओम प्रकाश शर्मा, चंद्र शेखर शर्मा, तथा तिलोनिया पीईईओ अंतर्गत संचालित समस्त राजकीय विद्यालयों के संस्था प्रधान , दर्जनों शिक्षक-शिक्षिकाएं तथा सैकड़ों बालक बालिकाएं भी उपस्थित थे। वार्षिक उत्सव समारोह में ग्रामीण जनों ने भी बड़ी भारी संख्या में भाग लिया।