समग्र शिक्षा अभियान किशनगढ़ के तत्वाधान में समावेशी शिक्षा कार्यक्रम आयोजित




किशनगढ़। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय समग्र शिक्षा अभियान किशनगढ़ के तत्वाधान में समावेशी शिक्षा कार्यक्रम अंतर्गत ब्लॉक स्तरीय अभिभावक परामर्श दात्री कार्यक्रम( पेरेंट्स काउंसलिंग)  हाउसिंग बोर्ड स्थित ब्लॉक संदर्भ कक्ष( सीआरसी भवन) पर शुक्रवार को विधिवत आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संदर्भ कक्ष नियंत्रण अधिकारी एवं प्रधानाध्यापिका राजकीय माध्यमिक विद्यालय फरासिया रुचिका अग्रावत ने की। अतिथि द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन माल्यार्पण कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। संदर्भ व्यक्ति एवं कार्यक्रम प्रभारी चंद्रशेखर शर्मा ने बताया कि ब्लॉक अंतर्गत राजकीय एवं गैर राजकीय विद्यालयों में अध्ययनरत( कक्षा 1 से कक्षा 12 तक) विशेष आवश्यकता वाले बालक बालिकाओं ( दिव्यांग छात्र छात्रा) एवं उनके अभिभावकों ने  पेरेंट्स काउंसलिंग कार्यक्रम में  भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानाध्यापिका रुचिका अग्रावत ने कहा कि दिव्यांगता कोई अभिशाप नहीं है, नहीं कोई पूर्व जन्मों का कर्म फल है। यह तो मात्र  जन्म से पूर्व जन्म के समय एवं जन्म के पश्चात बीमारी या दुर्घटना सहित विभिन्न कारणों से उत्पन्न क्षति या अक्षमता है, जिसका समय रहते उपचार व समाधान संभव है। दिव्यांग शिक्षक संजय घीया ने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि नि:शक्त बालक बालिकाओं को हर क्षेत्र में समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए ताकि वह जीवन में आगे बढ़ सके और किसी पर आश्रित ना हो। संदर्भ व्यक्ति ( सीडब्ल्यूएसएन) एवं दक्ष प्रशिक्षक जगदीश प्रसाद शर्मा एवं चंद्रशेखर शर्मा द्वारा दिव्यांग बच्चों के माता-पिता एवं अभिभावकों को परामर्श दात्री कार्यक्रम में विभिन्न सरकारी सुविधा व सहायता सहित दिव्यांग जन से जुड़े  विभिन्न कानून/एक्ट आदि की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस मौके पर अजमेर जिला मुख्यालय से आए फिजियोथेरेपिस्ट एवं स्पीच थैरेपिस्ट महेंद्र कुमार खींची द्वारा तकरीबन 44 बच्चों को फिजियो एवं स्पीच थैरेपिस्ट की सेवाएं प्रदान की गई। काउंसलिंग को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर शर्मा ने मूल रूप से अभिभावकों को यह बात समझाई की दिव्यांग बच्चों को सहानुभूति की नहीं सहयोग की आवश्यकता  है। उन्होंने कहा कि दिव्यांग बालक बालिकाओं के साथ प्रत्येक माता-पिता व अभिभावकों को अपने दूसरे सामान्य बच्चों की तरह ही लालन -पालन एवं सामाजिक व्यवहार दर्शाना चाहिए। संदर्भ व्यक्ति जगदीश प्रसाद शर्मा ने हाउसिंग बोर्ड स्थित संदर्भ कक्ष का अवलोकन करवाते हुए दिव्यांग बच्चों के परिजनों को संदर्भ कक्ष में स्थापित अंग- उपकरणों से होने वाले लाभ के विषय में अवगत कराया। इस अवसर पर विशेष शिक्षक नाथूलाल योगी खंडाच ने भी सफल दिव्यांग बच्चों एवं व्यक्तियों से जुड़े विभिन्न प्रसंगों पर प्रकाश डाला। ब्लॉक स्तरीय सीडब्ल्यूएसएन पैरंट्स काउंसलिंग में आमंत्रित 100 संभागीयों (50 दिव्यांग छात्र- छात्राएं व 50 अभिभावक) की अपेक्षा कुल 101 ( 49 अभिभावक एवं 51 दिव्यांग छात्र- छात्रा) संभागी कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर सभी उपस्थित संभागीयों को एक समय के भोजन के साथ-साथ वास स्थान से संदर्भ कक्ष तक की यात्रा करने पर वास्तविक किराया राशि का भुगतान भी किया गया।