राजस्थान: किसानों के संघर्ष की जीत, 37910 किसानों के लिए 22 करोड़ 94 लाख रुपए का बीमा क्लेम स्वीकृत।


सवाई माधोपुर@रिपोर्टर चंद्रशेखर शर्मा। बौंली उपखंड क्षेत्र सहित जिले भर के किसानों के संघर्ष का नतीजा अब जाकर सामने आया है। सवाई माधोपुर जिले में अतिवृष्टि के कारण विभिन्न प्रकार की खराब हुई फसलों के मुआवजे को लेकर पूर्व में भारतीय किसान संघ के बैनर तले जो संघर्ष किया गया था इसमें हजारों किसान शामिल थे। आखिरकार उन सभी किसानों की न केवल भगवान ने ही सुनी बल्कि केंद्र और राज्यमंत्री सरकार द्वारा भी संवेदनशीलता दिखाते हुए इनके हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। क्षेत्र का किसान अपनी जीत को लेकर बहुत खुश है। सर्वविदित है ,कि इस वर्ष अतिवृष्टि के कारण क्षेत्र में तील्ली ,बाजरा, उड़द, मूंग, मक्का, एवं ज्वार आदि की फसलें 80%  तक खराब हो गई थी। लेकिन संवेदनहीन कुछ अधिकारी जोकि कृषि विभाग एवं राजस्व विभाग में कार्यरत है, वह बिल्कुल मानने को तैयार नहीं थे कि किसान की फसल 75 से 80% तक खराब हो चुकी है। मामले के चलते कृषि व राजस्व विभाग के अधिकारी फसल खराबे कि वास्तविक रिपोर्ट बनाकर अग्रिम कार्रवाई हेतु आगे प्रदेश व केंद्र स्तर पर भेजने को तत्पर नहीं थे। जबकि वास्तविक स्थिति इसके उलट थी, फसल खराब होने के कारण किसान की सारी मेहनत पर पानी फिर चुका था क्योंकि फसल का उत्पादन तो दूर बीज, खाद,मजदूरी तक का पैसा भी किसान की जेब से खर्च हो चुका था। जिसके चलते कई गरीब किसान तो कर्ज के बोझ तले भी आ गए थे । जिला प्रशासन की संपूर्ण मामले में अकर्मण्यता के चलतेकिसानों ने आखिरकार आंदोलन की राह पकड़ने का फैसला किया। भारतीय किसान संघ के बैनर तले किसानों के हित की लड़ाई लड़ने हेतु युवा किसान नेता एवं भाजपा जिला मंत्री राम अवतार मीणा के नेतृत्व में क्षेत्र के किसान ने अतिवृष्टि से हुई खराब फसलों के उचित मुआवजे के लिए संघर्ष की राह पकड़ ली। किसान नेता रामअवतार मीणा की टीम द्वारा गांव-गांव जाकर किसानों को हक व अधिकारों के लिए जगाया गया तथा तत्कालीन उपखंड अधिकारी बौंली व  जिला कलेक्टर सवाई माधोपुर कों चेतावनी भरा ज्ञापन सौंप मामले में उचित कार्रवाई की मांग की गई। लेकिन प्रशासन द्वारा मामले की अनदेखी के चलते  14 सितंबर 2019 को  निवाई रोड, बौंली के पास लगभग 5000  किसान अपने हितों की लड़ाई के लिए एकत्रित हो गए तथा आम सभा कर आर- पार की लड़ाई की घोषणा बिगुल फूंक दिया। जिसमें बौंली उपखंड क्षेत्र के अलावा  चौथ का बरवाड़ा, सवाई माधोपुर, मलारना डूंगर सहित बामनवास उपखंड क्षेत्र से  भारी संख्या काश्तगार( किसान)  सम्मिलित थे। विशाल जुलूस के रूप में प्रदर्शन करते हजारों किसान रामअवतार मीणा के नेतृत्व में बौंली उपखंड कार्यालय पहुंचे थे। और किसानों द्वारा कार्यालय का घेराव किया गया था।मामले की गंभीरता को देखते हुए एक का एक प्रशासन सकते में आया और मामले को संज्ञान में लेते हुए किसान हित में कार्रवाई हेतु प्रक्रिया प्रारंभ की। जिसके परिणाम स्वरूप किसानों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन स्वीकार करते हुए उपखंड अधिकारी ने वास्तविक सर्वे करवाकर बीमा क्लेम व मुआवजा दिलवाने पर सहमति जताई , मामले में ठोस कार्रवाई को लेकर किसान नेता रामअवतार मीणा द्वारा आंदोलन के समय ही राज्य के मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री तथा आपदा एवं राहत मंत्री को भी पत्र  लिख कर किसानों की पीड़ा से अवगत कराया था। साथ ही आपदा सचिव से मुलाकात भी की थी। मीणा के नेतृत्व में किसानों का प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर व कृषि अधिकारी से अनवरत संपर्क में रहा । तब कहीं जाकर मामले में कुछ प्रक्रिया आगे बढ़ी। 10 दिन तक कृषि विभाग द्वारा किसानों से दावा प्रपत्र भरवाये  गए । स्वयं  किसान नेता रामावतार मीणा ने बौली उपखंड क्षेत्र से 10हजार  किसानों के दावा पत्र भरवा कर कृषि उपनिदेशक कार्यालय में जमा करवाकर ऑनलाइन कार्रवाई को अंजाम दिया था।  जिसमें मीणा सहित अधिकांश किसानों को काफी परेशानियां वह कठिनाई झेलनी पड़ी थी। यही नहीं आर्थिक बोझ उठाने के साथ-साथ संबंधित विभाग के अधिकारियों की नाराजगी से भी किसानों को दो- चार होना पड़ा था। लंबे संघर्ष के परिणाम स्वरूप जिले के 37910 किसानों के लिए सरकार द्वारा 22 करोड़ 94 लाख रुपए का बीमा क्लेम स्वीकृत किया गया है। बीमा क्लेम की राशि स्वीकृत होने पर  किसान नेता मीणा सहित संपूर्ण किसानों ने जो इसी योजना से लाभान्वित होंगे उन सभी ने बेहद खुशी जाहिर की है। इस मुद्दे पर बोलते हुए किसान नेता रामअवतार मीणा ने कहा कि संघर्ष की हमेशा जीत होती है। आने वाले कुछ दिनों में राशि किसानों के खातों में स्थानांतरित हो जाएगी। जिसके चलते किसानों को कुछ हद तक आर्थिक पीड़ा से मुक्ति मिलेगी। उन्होंने कहा कि जब- जब आवश्यकता होगी हमारा संघर्ष किसान व गरीब के हित में जारी रहेगा ।