उझानी: मेरे राम कथा समिति की ओर से नगर के समीमवर्ती गांव तेहरा स्थित शिव मंदिर प्रांगण में चल रही सेवा और संस्कारों को समर्पित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के छठवें दिन प्रभु श्रीराम केवट संवाद, केवट द्वारा नाव से प्रभुश्रीराम को गंगा पार कराना, भरत मिलाप, भरत कूप स्थापन, राजा जनक का आगमन आदि प्रसंगों का श्रवण कराया। अयोध्या विद्यापीठ स्कूल के सैकड़ों बच्चों और श्रद्धालुओं ने भगवान श्रीराम का पूजन कर भव्य आरती की।
कथावाचक महाराज रवि समदर्शी ने कहा मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आचरण से पवित्रता सीखनी चाहिए। भगवान श्रीराम ने गुरु की आज्ञा को सर्वोपरि स्थान दिया। जीवन पर्यंत माता पिता और गुरु वशिष्ठ के वचनों का पालन किया। उन्होंने कहा कि गुरु व्यक्ति नहीं, शक्ति होती है, जो शिष्यों के उत्कर्ष के साथ सन्मार्ग दिखाती है। आज्ञाकारी, सहनशील और धैर्यवान मनुष्य ही देवत्व को प्राप्त करता है। श्रेष्ठ जीवन की कल्पना श्रेष्ठ संस्कारों से ही संभव है। सच्ची श्रद्धा और भक्ति ही ईश्वर के साक्षात दर्शन कराती है। उन्होंने कहा व्यवहारिक ज्ञान और मधुरवाणी साधारण मनुष्य को भी बहुमूल्य बना देती है। युवा दूसरों का सम्मान करना सीखें और उच्च आदर्श प्रस्तुत करें।
इस मौके पर अंकुर, शिवांशु, रामप्रवेश यादव, अरविंद शर्मा, कमलेश वाष्र्णेय, राहुल अग्रवाल, रोहित सक्सेना, हिमांशु वाष्र्णेय, आदेश यादव, बबलू शर्मा, पोषाकी सिंह, रामरहीस, दुर्गपाल सिंह, विचित्र सक्सेना, राहुल, रामफल सिंह, जयसिंह, ओमकार सिंह, राय सिंह, रजत गुप्ता, धर्मदेव यादव, अनार सिंह, बलवीर, रामदत्त, श्याम बहादुर, रामखेत, रामवीर, शिवनारायण, सुरेश, जबर सिंह, शिशुपाल, अजय पाल सिंह, रिंकू, सुधीर कुमार, पुष्पेंद्र यादव, रीना, गजेंद्र पंत, हरीओम वेदपाल सिंह आदि मौजूद रहे।
गोविंद राणा बदायूं