श्रीराम कथा कुविचारों और दुर्भावनाओं को मिटाकर करती है संशय और दुखों को दूर: रवि



बदायूं उझानी: मेरे राम कथा समिति के मार्गदर्शन में नगर के समीपवर्ती गांव तेहरा स्थित शिव मंदिर प्रांगण में सेवा और संस्कारों को समर्पित श्रीराम कथा का वेदमंत्रोच्चारण के साथ शुभारंभ हो गया। श्रीराम कथा की महिमा सुनाई गई। दर्जनों गांवों से आए श्रद्धालुओं और साधु संतों ने जय श्रीराम का जयघोष किया।
कथावाचक महाराज रवि समदर्शी ने कहा कि भगवान श्रीराम का मर्यादित जीवन दूसरों के लिए आदर्श है। श्रीराम ने श्रेष्ठ संस्कारों से धरती पर स्वर्ग का अवतरण कर रामराज्य की स्थापना की। पावन रामायण हमें निज धर्म पर चलना सिखाती है। सर्वप्रथम महर्षि बाल्मीकि ने श्रीराम कथा लव-कुश को सुनाकर उनके जीवन को धन्य कर दिया। श्रीराम कथा मनुष्य के कुविचारों और दुर्भावनाओं को मिटाकर, संशय और दुखों को दूर करती है।
श्रीराम के गुणों का बखान करने वाले साधु-संत, ऋषि-मुनि समाज की अनुपम संजीवनी हैं।
उन्होंने कहा कि युवाशक्ति दुव्र्यसनों से बचें और जीवन को बहुमूल्य बनाएं। अपनी अद्भुत क्षमताओं को निखारें। श्रेष्ठ कार्य कर संसार के लिए उपयोगी बनें। आज का युवा कुसंस्कारों के कारण दिग्भ्रमित हो रहा है। अपनी प्रतिभाओं और योग्यताओं को नहीं पहिचान पा रहा है। युवा भगवान श्रीराम के मर्यादित, चुनौतियों और संघर्ष भरे जीवन नई सीख लेकर भविष्य को संवारें।
समिति के संगठन मंत्री देवेश गुलाठी ने बताया कि श्रीराम कथा 19 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 12 से सायं 4 बजे तक होगी।
इस मौके पर मुख्य संयोजक ओमवीर  सिंह यादव, गगल मित्तल, सतेंद्र सिंह, शिव कुमार, रजत गुप्ता, नेहा, सुमित यादव, सत्यवीर यादव, मनोज, प्रदीप चैहान, मोहित प्रभाकर, अजय पाल, जबर सिंह यादव, गजेंद्र पंत, विष्णु गुप्ता, राजभान आदि मौजूद रहे।


गोविंद सिंह राणा बदायूं