क्या आप जानते हैं सीडीएस के पद की क्यों पड़ी देश को इसकी जरूरत


*जानिए, क्या होंगे CDS के काम?,*
*क्यों पड़ी देश को जरूरत-के सी शर्मा*

जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) होंगे। सीडीएस थल, जल और वायु, तीनों सेनाओं की तरफ से रक्षा मंत्री के सलाहकार होंगे।

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) की घोषणा हो गई है। जनरल बिपिन रावत इस पद को संभालेंगे। सीडीएस थल, जल और वायु, तीनों सेनाओं की तरफ से रक्षा मंत्री के सलाहकार होंगे। उनके सामने देश की तीनों सेनाओं में साझी सोच विकसित करने और उन्हें एकीकृत तरीके से ऑपरेशनों को अंजाम देने में सक्षम बनाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। सीडीएस भारतीय सेनाओं में स्वदेशी साजो-सामान का उपयोग बढ़ाने का भी दायित्व होगा। सीडीएस के और क्या काम होंगे और सरकार को इसकी जरूरत क्यों पड़ी, यहां जानिए...

1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर को सीडीएस पोस्ट और इसके चार्टर व ड्यूटीज को मंजूरी दे दी थी। पीएम मोदी ने 15 अगस्त के अपने भाषण में सबसे पहले इसका जिक्र किया था।

2. बिपिन रावत के लिए रक्षा मंत्रालय ने सेना नियमों, 1954 में कार्यकाल और सेवा के नियमों में संशोधन किया है। अब सीडीएस या ट्राई-सर्विसेज प्रमुख 65 साल की आयु तक सेवा दे सकेंगे। पहले तीन सेवाओं के प्रमुख 62 साल की आयु तक या तीन साल तक सेवा दे सकते थे।   बिपिन रावत फिलहाल 61 साल के हैं।

क्यों पड़ी जरूरत?
3. करगिल युद्ध के दौरान सामने आई खामियों से सीख लेकर इसका फैसला लिया गया। ऐसा तीनों सेनाओं के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए किया गया है। केवल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद सृजित करने का लक्ष्य नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सांस्थानिक सुधारों का लक्ष्य है।

1999 के करगिल युद्ध के मद्देनजर देश की सुरक्षा प्रणाली में खामियों की समीक्षा के लिए बनाई गई समिति ने रक्षा मंत्री के एकीकृत सैन्य सलाहकार के रूप में सीडीएस की नियुक्ति का सुझाव दिया था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की भूमिका और दायित्व क्या होंगे?
4. सीडीएस रक्षा मंत्री के लिए प्रधान सैन्य सलाहकार की भूमिका निभाएंगे। तीनों सेनाओं के प्रमुख भी अपनी-अपनी सेनाओं से संबंधित सलाह रक्षा मंत्री को पहले की तरह ही देते रहेंगे। सीडीएस के पास तीनों सैन्य प्रमुखों समेत कोई मिलिट्री कमांड नहीं होगा। सीडीएस तीनों सैनाओं के विभिन्न संगठनों का प्रशासक होगा। सीडीएस संबंधित अथॉरिटीज को तीनों सेनाओं की जानकारियां उपलब्ध कराएगा। वह डिफेंस ऐक्विजीशन काउंसिल और डिफेंस प्लानिंग काउंसिल के सदस्य होगा।

5. पहला सीडीएस अपना कार्यभार संभालने के तीन वर्षों के अंदर तीनों सेनाओं के अंदर ऑपरेशन, लॉजिस्टिक्स, ट्रांसपोर्ट, ट्रेनिंग, सपॉर्ट सर्विस, कम्यूनिकेशन, रिपेयर्स, मेंटनेंस आदि में साझापन लाएगा। मिलिट्री इन्फ्रास्ट्रक्चर का समुचित उपयोग सुनिश्चित करेगा और इसे रैशनलाइज करेगा। स्वदेशी औजारों की हिस्सेदारी बढ़ाएगा। इंटिग्रेटेड कपैबिलिटी डिवेलपमेंट प्लान को सुनिश्चित करने के क्रम में पंचवर्षीय डिफेंस कैपिटल ऐक्विजिशन प्लान और दो वर्षीय रोल ऑन ऐनुअल ऐक्विजिशन प्लान का लागू करेगा।

6. अनुमानित बजट के मुताबिक सेनाओं के अंदर कैपिटल ऐक्विजीशन के प्रस्तावों की प्राथमिकता तय करना। सक्षम अथॉरिटी के विचार के लिए सैन्य मामलों पर स्ट्रैटिजी पेपर्स तैयार करेगा। सैन्य बलों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए तीनों सेनाओं के कामकाज में सुधार लाना। सीडीएस औपनेविशक विरासत में मिले कुछ प्रक्रियाओं की पहचान कर उसे दूर करेगा। रैंक और फाइल में विश्वास और भरोसा पैदा करेगा।

7. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ डिपार्टमेंट ऑफ मिलिट्री अफेयर्स के प्रमुख होंगे। यह विभाग चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को अपनी भूमिका/कार्यों को पूर्ण करने में सक्षम बनाएगा इस विभाग में हर स्तर पर नौकरशाह और सैन्य अधिकारी, दोनों होंगे। विभाग सैन्य साजो-सामान की खरीद, सैन्य बलों के प्रशिक्षण और नियुक्तियों में तीनों सेनाओं की जरूरतों के मद्देनजर फैसले लेगा।

8. यह ऑपरेशनों में साझापन लाकर संसाधनों के समुचित इस्तेमाल के लिए मिलिट्री कमांड्स की रीस्ट्रक्चरिंग करेगा। इसके लिए जॉइंट/थिएटर कमांड्स स्थापित भी स्थापित किए जाएंगे। विभाग स्वदेशी हथियारों एवं अन्य सैन्य साजो-सामानों का इस्तेमाल को बढ़वा देगा।

9. सीडीएस की एक दूसरी भूमिका भी होगी। वो चीफ ऑफ स्टाफ कमिटी के स्थाई अध्यक्ष होंगे। इस भूमिका में उन्हें इंटिग्रेटेड डिफेंस स्टाफ से मदद मिलेगी।

चुनाव की प्रक्रिया क्या
10. सरकार ने पहले ही बताया था कि कोई फोर स्टार जनरल सीडीएस के पद पर होगा। यह आर्मी, नेवी या एयरफोर्स किसी से भी हो सकता है। सीडीएस के पद से हटने के बाद उसे किसी भी सरकारी सेवा में जाने का अधिकार नहीं होगा। वह सीडीएस का पद छोड़ने के पांच साल बाद ही कोई प्राइवेट सर्विस जॉइन कर सकता है। इसके लिए उसे सरकार से पूर्वानुमति लेनी होगी।