सवाई माधोपुर रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। जिले में कई स्थानों पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉक्टर काउंट सिजर मैटी का जन्मदिन विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से गंगापुर सिटी उपखंड मुख्यालय सहित आसपास के बजीरपुर ,छोटी उदेई आदि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डा.मैटी की जयंती पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस संबंध में जानकारी देते हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद राजस्थान के जिला सचिव डॉ. बी.एन गुप्ता एवं डॉ. सीताराम गर्ग ने बताया की काउंट सीजर मैटी के चित्रपटक के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। उसके बाद मैटी वंदना के साथ-साथ सभी चिकित्सकों ने डॉक्टर मैटी जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्पांजलि भी अर्पित की। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने कहा कि डॉक्टर काउंट सीजर मैटी द्वारा आम जनता के लिए पेड़ पौधों से रिसर्च करके इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का निर्माण किया गया । जिसे बुलाया जाना असंभव है। इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर भी काबू पा लिया है ।इसके अलावा पाइल्स ,किडनी स्टोन, पित्त की थैली में पथरी, स्क्रीन लॉक ,बांझपन ,बी.पी.एवं डायबिटीज जैसे कई प्रकार के असाध्य रोगों में इलेक्ट्रोपैथी की दवा आज के समय में सर्वाधिक रूप से कारगार रही है। इस अवसर पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में कैंसर के पेन क्लीनिक खोले जा रहे है। जिनकी संख्या 108 रखी गई है। अब यह क्लीनिक दिल्ली मुंबई और गाजियाबाद में शुरू हो रहे हैं। राजस्थान में भी सरकार द्वारा इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता प्रदान की जा चुकी है। अब तो इस चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार की भागीदारी जरूरी है। चिकित्सकों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से मांग की है , कि इस चिकित्सा पद्धति का शीध्र बोर्ड गठन कर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करें। चिकित्सकों का कहना है, कि राजस्थान में मान्यता मिलने के बाद बोर्ड गठन नहीं होने के कारण राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे सैकड़ों छात्रों का भविष्य भी अंधकारमय बना हुआ है। चिकित्सकों ने बताया कि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति देश की पहली ऐसी चिकित्सा पद्धति है ,जिसका रोगी के शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। और यह दवाई हर बीमारी को जड़ से खत्म करती है ।जबकि एलोपैथी दवाएं जब तक लेते रहो तब तक काम करती है और बंद करने के बाद वह बीमारी पुनः लोट आती है। डॉक्टर काउंट सीजर मैटी के जन्मदिन को इसीलिए आज के दिन विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में डॉ. बीएन गुप्ता के अलावा डॉक्टर के के वैष्णव, डॉक्टर अब्दुल सलाम, डॉक्टर माहिर ,डॉ मुकेश ,डॉक्टर समीर, डॉ महेश, डॉक्टर जेपी जलवानिया, डॉक्टर मदन सिंह ,डॉक्टर गंगा प्रसाद बैरवा, डॉक्टर अब्दुल कलाम , डॉ.माधव शर्मा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के दर्जनों अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे
इलेक्ट्रोपेथी जनक काउंट सीजर मैटी की जयंती को विश्व इलेक्ट्रोपेथी दिवस के रूप में मनाया गया
सवाई माधोपुर रिपोर्ट चंद्रशेखर शर्मा। जिले में कई स्थानों पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक डॉक्टर काउंट सिजर मैटी का जन्मदिन विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य रूप से गंगापुर सिटी उपखंड मुख्यालय सहित आसपास के बजीरपुर ,छोटी उदेई आदि ग्रामीण क्षेत्रों में भी डा.मैटी की जयंती पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस संबंध में जानकारी देते हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा परिषद राजस्थान के जिला सचिव डॉ. बी.एन गुप्ता एवं डॉ. सीताराम गर्ग ने बताया की काउंट सीजर मैटी के चित्रपटक के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई। उसके बाद मैटी वंदना के साथ-साथ सभी चिकित्सकों ने डॉक्टर मैटी जी के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए पुष्पांजलि भी अर्पित की। इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने कहा कि डॉक्टर काउंट सीजर मैटी द्वारा आम जनता के लिए पेड़ पौधों से रिसर्च करके इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का निर्माण किया गया । जिसे बुलाया जाना असंभव है। इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति में कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी पर भी काबू पा लिया है ।इसके अलावा पाइल्स ,किडनी स्टोन, पित्त की थैली में पथरी, स्क्रीन लॉक ,बांझपन ,बी.पी.एवं डायबिटीज जैसे कई प्रकार के असाध्य रोगों में इलेक्ट्रोपैथी की दवा आज के समय में सर्वाधिक रूप से कारगार रही है। इस अवसर पर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पूरे देश में कैंसर के पेन क्लीनिक खोले जा रहे है। जिनकी संख्या 108 रखी गई है। अब यह क्लीनिक दिल्ली मुंबई और गाजियाबाद में शुरू हो रहे हैं। राजस्थान में भी सरकार द्वारा इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति को मान्यता प्रदान की जा चुकी है। अब तो इस चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सरकार की भागीदारी जरूरी है। चिकित्सकों ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा से मांग की है , कि इस चिकित्सा पद्धति का शीध्र बोर्ड गठन कर इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करें। चिकित्सकों का कहना है, कि राजस्थान में मान्यता मिलने के बाद बोर्ड गठन नहीं होने के कारण राजस्थान में इलेक्ट्रोपैथी मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा ग्रहण कर रहे सैकड़ों छात्रों का भविष्य भी अंधकारमय बना हुआ है। चिकित्सकों ने बताया कि इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति देश की पहली ऐसी चिकित्सा पद्धति है ,जिसका रोगी के शरीर में कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है। और यह दवाई हर बीमारी को जड़ से खत्म करती है ।जबकि एलोपैथी दवाएं जब तक लेते रहो तब तक काम करती है और बंद करने के बाद वह बीमारी पुनः लोट आती है। डॉक्टर काउंट सीजर मैटी के जन्मदिन को इसीलिए आज के दिन विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के रूप में मनाया जाता है। कार्यक्रम में डॉ. बीएन गुप्ता के अलावा डॉक्टर के के वैष्णव, डॉक्टर अब्दुल सलाम, डॉक्टर माहिर ,डॉ मुकेश ,डॉक्टर समीर, डॉ महेश, डॉक्टर जेपी जलवानिया, डॉक्टर मदन सिंह ,डॉक्टर गंगा प्रसाद बैरवा, डॉक्टर अब्दुल कलाम , डॉ.माधव शर्मा सहित ग्रामीण क्षेत्रों के दर्जनों अन्य चिकित्सक भी उपस्थित थे