उझानी: मेरे राम कथा समिति की ओर से तेहरा गांव के शिव मंदिर प्रांगण में चल रही सेवा और संस्कारों को समर्पित श्रीराम कथा के दूसरे दिन भगवान श्रीराम के जन्म, शिव विवाह, दक्ष का अंहकार, काम देव का दमन, मां पार्वती का जन्म, कार्तिक द्वारा तारकासुर का वध आदि प्रसंगों का श्रवण कराया गया। मंत्रमुग्ध श्रद्धालुओं ने भजन कीर्तन के साथ आरती की।
कथावाचक महाराज रवि समदर्शी ने कहा कि प्रभु श्रीराम का मर्यादित जीवन सद्चिंतन और सद्भाव जगाता है। युवाओं में नई ऊर्जा और शक्ति का संचार करता है। मर्यादित जीवन जीने वाला साधारण मनुष्य भी देवत्व को प्राप्त होता है। भगवान श्रीराम ने अपने पिता राजा दशरथ की आज्ञा पाकर चैदह वर्ष के लिए माता सीता और लक्ष्मण के साथ वनवास को गए जंगलों, पहाड़ों और कंधराओं में रहकर प्रत्येक चुनौतियों को स्वीकारा, समाज के कल्याण के लिए बुराई रूपी रक्षसों का अंत किया। आज के युग में युवा वर्तमान समस्याओं से जूझ रहे हैं, यदि वह अपने माता पिता, श्रेष्ठजनों और गुरुजनों की आज्ञा मानें, तो हनुमान जैसे ऊंचे दर्जे की कार्य करने में सक्षम होंगे। अद्भुत प्रतिभा और वैभवशाली गौरव पाएंगे।
उन्होंने कहा कि मनुष्य आध्यात्मिक चिंतन से प्राप्त शक्ति को श्रेष्ठ कार्यों में लगाकर उत्कृष्ट और महान बनने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहिए। मर्यादित जीवन से टूटते-बिखरते परिवारों में भी स्वर्ग जैसा वातावरण बन जाता है।
महाराज रवि ने भगवान के चार अवतारों को बताया उन्होंने कहा सत्युग में नृसिंह भगवान, बराह भगवान, त्रेता युग में भगवान श्रीराम और द्वापर में भगवान श्रीकृष्ण के रूप में अवतार लेकर धरती को पावन किया।
दर्जनों गांवों से आए श्रद्धालुओं, साधु-संतों और गणमान्य नागरिकों ने भगवान श्रीराम की पूजा अर्चना के बाद भव्य आरती की। समिति के अजयपाल सिंह ने बताया कि श्रीराम कथा 19 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 12 से सायं 4 बजे तक चलेगी।
इस मौके पर मुख्य संयोजक ओमवीर सिंह यादव, सत्येंद्र चैहान, अजयपाल सिंह, जबर सिंह, राजभान सिंह यादव, गगल मित्तल, शिव कुमार, रजत गुप्ता, सुमित यादव, सत्यवीर यादव, प्रदीप चैहान, गजेंद्र पंत, शैलेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।
गोविंद सिंह राणा बदायूं