सन्तकबीरनगर। उ.प्र. माध्यमिक शिक्षक के मण्डलीय मंत्री संजय द्विवेदी ने कहा है कि प्रदेश सरकार की ड्राफ्ट कमेटी द्वारा शिक्षक संगठन के संसोधन प्रस्ताव को स्वीकार किया जाना स्वागत योग्य कदम है। संघर्षों के परिणाम स्वरूप उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन नियमावली- 2020 की ड्राफ्ट कमेटी ने दंड अनुमोदन प्रक्रिया में पूर्व प्रचलित उ.प्र. माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की धारा-21 की व्यवस्था को धारा- 34(1) में यथावत रखकर शासन को अनुमोदन के लिए भेजा है, जिससे शिक्षक समुदाय हर्षित है।
श्री द्विवेदी रविवार को मौलाना आजाद इंटर कालेज खलीलाबाद में शिक्षक संघ की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि संघर्षों के दम पर मिली इस जीत पर प्रदेश अध्यक्ष चेत नारायण सिंह, महामंत्री राम बाबू शास्त्री सहित सभी शिक्षक बधाई के पात्र हैं। उन्होंने बताया कि उ.प्र.शिक्षा सेवा चयन बोर्ड नियमावली अधिनियम 1982 (यथा संशोधित- 1998) की धारा-21 में स्पष्ट उल्लेख है कि "प्रबन्ध तन्त्र (बोर्ड) के पूर्वानुमोदन के सिवाय किसी अध्यापक को पदच्युत नही करेगा, न सेवा से हटाएगा, न सेवा से हटाने का कोई नोटिस देगा , पंक्तीच्युत करेगा, न उसकी परिलब्धियां में कोई कमी करेगा, न ही किसी अवधि के लिये उसकी वेतन वृद्धि(चाहे व अस्थाई हो या स्थाई रूप से हो) रोकेगा, और ऐसे पूर्वानुमोदन के बिना किया गया ऐसा कोई भी कार्य शून्य होगा।" इसको नई नियमावली में यथावत रखने का प्रस्ताव शासन में प्रेषित कर दिया है। शिक्षकों की अन्य मांगों को लेकर 6 व 7 फरवरी 2020 को लखनऊ में आयोजित धरना यथावत जारी रहेगा।
इस दौरान गिरिजानंद यादव, मोहिबुल्लाह खान, युनश अख्तर, उदय भान सिंह, महेश राम, विंध्याचल सिंह, मनोज मिश्रा, ए. के.सिंह, जुबैर अहमद, जयहिंद, फसीयउद्दीन, शोएब अख्तर, जय प्रकाश गौतम, विनोद चौरसिया, गोपाल जी सिंह, अभय शंकर शुक्ला राहुल कुमार, शोएब अहमद, राम नारायण पांडेय, मोहम्मद युनश, परवेज अख्तर, मंगला प्रसाद, सन्त मोहन त्रिपाठी, सुधीर कुमार, विनोद उपाध्याय, कमर आलम, विजय यादव सहित अन्य मौजूद रहे।
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*संजय द्विवेदी*
*मंडलीय मंत्री-बस्ती*